महिलाओं को किडनी की बीमारियों के बारे में बताया बीएलके अस्पताल में हुआ कार्यक्रम

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भारत चौहान नई दिल्ली
विश्व किडनी दिवस को लेकर लोगों में जागरुकता लाने के उद्देश्य से राजधानी के बीएलके अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें डॉक्टरों ने मौजूद महिलाओं को बताया कि किडनी की बीमारी देश की कुल आबादी के 10 फीसदी हिस्से को प्रभावित कर रही है। डॉ. सुनील प्रकाश ने बताया कि गंभीर किडनी रोग (सीकेडी) सेहत की एक वैश्विक समस्या है, जिसके प्रतिकूल प्रभावों में किडनी फेल होना और अकाल मृत्यु शामिल है। उन्होंने ये भी कहा कि महिलाओं को गंभीर किडनी रोग होने की संभावना पुरुषों से ज्यादा होती है। कार्यक्रम के दौरान मरीजों की निशुल्क जांच भी की गई। उधर, बत्रा अस्पताल में भी इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें डॉ. ऊषा ने बताया कि कई मामले हैं जहां दर्दनिरोध दवाएं खाने, एनेस्थीसिया या अन्य अनिर्धारित दवाएं लेने की वजह से किडनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसलिए बगैर डॉक्टरों की सलाह के एंटीबॉयोटिक दवाओं का सेवन न करें।
लोगों को दिए ये सुझाव
डॉक्टरों का कहना है कि मधुमेह, उच्च रक्त दाब, दिल की बीमारी, मोटापे, किसी भी प्रकार के संक्रमण की जांच कराने से किडनी की बीमारी का पता लगाया जा सकता है। अपोलो अस्पताल के डॉ. संदीप गुलेरिया ॠे बताया कि चलना, तैरना, साइकलिंग, दौडऩा आदि जैसी शारीरिक गतिविधि को अपने रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए। हर महीने ज्यादा से ज्यादा 1 किलोग्राम वजन घटाने का लक्ष्य बनाएं। इसके अलावा हर रात 7 से 8 घंटे तक सोने का लक्ष्य जरूर बनाएं। ऐसा करने से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

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