जनसंपर्क अभियान में बोले डॉ. उदित राज- कांग्रेस का मैनिफेस्टो(5 न्याय और 25 गारंटी)

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नई दिल्ली, डॉ. उदित राज , राष्ट्रीय अध्यक्ष, केकेसी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस पार्टी, ने बुधवार को रोहिणी के स्वर्ण जयंती पार्क में लोगों से जनसंपर्क कर लोकसभा चुनावों पर चर्चा की और कांग्रेस के न्याय पात्र का वितरण किया। इस जनसंपर्क अभियान के दौरान डॉ. उदित राज ने लोगों को बताया कि कांग्रेस का मैनिफेस्टो न केवल आरएसएस/भाजपा की विचारधारा पर करारी चोट करता है बल्कि SC/ST/OBC/Minorities एवं धर्मनिरपेक्ष जनता की ज़रूरत और अधिकार की बात करता है। बीजेपी सबकी बात कर नहीं सकती इसलिए सीधे हमला न करके परोक्ष रूप से ऐसा कर रही है। बीजेपी ने इन वर्गों के सशक्तिकरण की बात तो छोड़ो, पूर्व में काँग्रेस सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों को भी उनसे छीन लिया है। निजीकरण एवं ठेकेदारी प्रथा से सरकारी नौकरी खत्म की जा रही है। शिक्षा को महँगा करके इन वर्गों को वंचित कर दिया है। देश के टॉप 159 शिक्षण एवं तकनीकी संस्थानों में इन वर्गों से एक भी वाइस चांसलर / निदेशक नहीं है।

उन्होंने जनसंपर्क अभियान के दौरान लोगों के समक्ष अपनी बातें रखते हुए कहा कि जाति जनगणना और आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत हटाने की बात से भाजपा बौखलाई है। भाजपा के आदर्श पुरुष सावरकर ने वर्तमान संविधान के स्थान पर मनुस्मृति अपनाने की बात कही थी। 12 दिसंबर, 1949 को संविधान की प्रति और डॉ अंबेडकर का पुतला आरएसएस ने जलाया था। आरएसएस सर संघचालक गोलवलकर ने 1940 में कहा था कि यदि अंग्रेजों के जाने के बाद सत्ता में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक आते हैं तो इससे अच्छा अंग्रेजों की गुलामी ही ठीक है। जो इतनी नफरत करते हों वे भला कांग्रेस के समावेशी घोषणा पत्र को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? संविधान खत्म करने की बात भाजपा नेता करते ही रहते हैं और 400 पार के नारे के पीछे भी यही षड्यंत्र है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की जननी आरएसएस का मुखिया हमेशा एक विशेष जाति का होता आ रहा है और आगे भी ऐसा रहे इसलिए कांग्रेस के समावेशी घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप का आरोप लगाया जा रहा है। इसके विपरीत बीजेपी की नीतियाँ और घोषणा-पत्र दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यको को ग़ुलाम बनाने की ओर धकेल रही हैं । मुस्लिम समाज की भागीदारी सरकारी नौकरी और शिक्षा में नहीं के बराबर है फिर भी हिंदू-मुस्लिम का झूठा मुद्दा खड़ा कर रखा है। 30 लाख पक्की नौकरी की बात से बीजेपी बौखला गई है जबकि अपने 10 साल के कार्यकाल में 10 लाख नौकरी न दे सकी। देश का युवा पीएम मोदी से जवाब न माँगे इसलिए मुस्लिम लीग का हौवा खड़ा कर दिया है।

वह कहते हैं कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पांच न्याय एवं 25 गारंटी के माध्यम से सबके उत्थान की बात बीजेपी को पच नहीं रहीं है। भाजपा सरकार की नीतियों से परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से बड़े पूंजीपतियों का हित सधता है और अभिजात्य वर्ग का आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक सत्ता पर पूरा कब्जा है।

*लोगों से सांझा की कांग्रेस के पांच न्याय के तहत 25 गांरटी*

1. युवा न्याय- की बात क्या मुस्लिम लीग?

पहली नौकरी पक्की-हर शिक्षित युवा को 1 लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप का अधिकार, भर्ती भरोसा – 30 लाख सरकारी नौकरियां, सभी खाली पोस्ट कैलेंडर के अनुसार भरेंगे, पेपर लीक से मुक्ति – पेपर लीक रोकने के लिए नए कानून और नीतियां, गिग-वर्कर सुरक्षा – गिग वर्कर के लिए बेहतर काम-काजी नियम और संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा, युवा रोशनी – युवाओं के लिए 5,000 करोड़ रुपए का नया स्टार्टअप फंड

2. नारी न्याय- की बात क्या मुस्लिम लीग?

महालक्ष्मी – हर गरीब परिवार की एक महिला को हर साल 1 लाख रुपए, आधी आबादी, पूरा हक – केंद्र सरकार की नई नौकरियों में 50% महिला आरक्षण, शक्ति का सम्मान – आशा, मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर्स को ज़्यादा सैलरी, दोगुने सरकारी योगदान से, अधिकार मैत्री- महिलाओं को कानूनी हक़ और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाली एक अधिकार-सहेली, हर पंचायत में, सावित्री बाई फुले हॉस्टल- कामकाजी महिलाओं के लिए दोगुने हॉस्टल

3. किसान न्याय – की बात क्या मुस्लिम लीग?

सही दाम – MSP की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन फॉर्मूले के साथ, कर्ज मुक्ति- कर्ज माफी प्लान प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परमानेंट आयोग, बीमा भुगतान का सीधा ट्रांसफर- फसल नुकसान पर 30 दिन के अंदर सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर, उचित आयात-निर्यात नीति- किसानों की सलाह से नई इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी बनेगी, GST-मुक्त खेती – किसानी के लिए जरूरी हर चीज से GST हटेगी

4. श्रमिक न्याय – की बात क्या मुस्लिम लीग?

श्रम का सम्मान – दैनिक मजदूरी कम से कम 400 रुपए, मनरेगा में भी लागू, सबको स्वास्थ्य अधिकार – ₹25 लाख का हेल्थ-कवर: मुफ़्त इलाज, अस्पताल, डॉक्टर, दवा, टेस्ट, सर्जरी, शहरी रोजगार गारंटी – शहरों के लिए भी मनरेगा जैसी नई योजना, सामाजिक सुरक्षा – असंगठित मजदूरों के लिए जीवन और दुर्घटना बीमा, सुरक्षित रोजगार – मुख्य सरकारी कार्यों में कांट्रैक्ट सिस्टम मजदूरी बंद

5. हिस्सेदारी न्याय – की बात क्या मुस्लिम लीग?

गिनती करो – सामाजिक व आर्थिक समानता के लिए हर व्यक्ति, हर वर्ग की गिनती, आरक्षण का हक – संवैधानिक संशोधन द्वारा 50% सीमा हटाकर SC/ST/OBC को आरक्षण का पूरा हक, SC/ST सब प्लान की कानूनी गारंटी – जितनी SC/ST जनसंख्या, उतना बजट; यानी ज़्यादा हिस्सेदारी, जल-जंगल-जमीन का कानूनी हक – वन अधिकार कानून वाले पट्टों का 1 साल में फैसला, अपनी धरती, अपना राज- कांग्रेस उन बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित करेगी जहां आदिवासी सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं

*लोगों का कहना*

इस जनसंपर्क के दौरान वहां के स्थानीय लोगों ने इस मैनिफेस्टो को सराहा। संजय नामक एक व्यक्ति ने मैनिफेस्टो को जानने के बाद कहा कि यह तो आम जनता से जुड़े मुद्दे हैं। जबकि एक अन्य व्यक्ति रामलाल का कहना रहा कि अगर कांग्रेस आम जनता के लिए ऐसा करती है तो उसे चुनावों में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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