बदलते मौसम में संभलकर निकलें, वरना पड़ जाएंगे बीमार

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ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान नई दिल्ली बदलते हुए मौसम में थोड़ा संभलकर निकले, वरना आपके बीमार होने की संभावना बढ़ जाएगी। दिन के समय अचानक मौसम में आये परिवर्तन के कारण अस्पताल में रोगियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। इनमें खांसी, पेट खराब, बुखार और खांसी के मरीज ज्यादा है। दिल्ली में अस्पतालों में ऐसे मरीज बढ़ गये हैं। ऐसे मरीज 20 से 25 फीसदी बढ़ गये हैं। इस मौसम में बदलाव के कारण हेपेटाइटिस होने के मामले भी बढ़ जाते हैं।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसन विभाग के डा. शिवाजी ने बताया कि मौसम के बदलाव के कारण बुखार, खांसी, गले में दर्द से पीड़ति मरीज बढ़ गये हैं। ऐसा हर उम्र के लोगों में नजर आ रहा है। उनकी ओपीडी में खांसी और बुखार के 60 से 70 फीसदी मामले ऐसे हैं। वहीं इस बावत बत्रा अस्पताल के डा. देवनाथ झा ने बताया कि जिस तरह मौसम में बदलाव हो रहा है, उसमें इंफेक्शन से होने वाले रोग बढ़ जाते हैं। यह दो तरह के होते हैं, इनमें सांस और पेट से संबंधित समस्या सबसे ज्यादा होती है। पेट की दिक्कत में लूज मोशन और दस्त और बुखार साथ में आता है। फरवरी और सितंबर में वायरल इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है। इंफ्लुएंजा वायरस के केस बढ़ जाते हैं। हालांकि तापमान कम होने पर यह दिक्कत कम होती है, यह तापमान बढ़ने के साथ इंफेक्शन ज्यादा होते हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस होने की दिक्कत भी बढ़ जाती है। कार्डियालॉजिस्ट डा. आरएन कालरा ने कहा कि मौसम के बदलाव के साथ सर्दी, खांसी, नजला की दिक्कत आम होती है। कई बार पानी के कारण लोग पीलिया के भी शिकार हो रहे हैं। पानी के जमा होना भी बुखार आने के कारण बनता है, जो बाद में डेंगू चिकनुगनिया के तौर पर सामने आता है। उन्होंने बताया कि अपोलो अस्पताल में दो स्वाइन फ्लू के मरीज भी भर्ती हुए थे।
बुखार कफ के साथ गला खराब:
बत्तरा हास्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर में कार्डियलॉजी यूनिट की प्रमुख डा. आशा रानी खन्ना के अनुसार तापमान बढ़ने की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ी है। पहले जहां ओपीडी में पहले जहां 100 के करीब मरीज आते थे, वह अब बढ़कर 150 हो गये हैं। उन्होंने कहा कि हर मौसम में बदलाव के साथ नए वायरस हवा में पनपते हैं, जिससे यह दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में एक खास ट्रेंड उभरकर आ रहा है कि बुखार, कफ और ठंड के साथ गला चोक हो रहा है।
इन बातों का रखें ध्यान:
-बाहर के खाने से बचें और कोशिश करें कि पानी साफ या उबाकर पिएं क्योंकि पेट की दिक्कत ज्यादातर खराब पानी से होती है।
-मसालेयुक्त खाने से परहेज करें, खाना हाथ साफ करके ही खाएं
-शरीर को थोड़ा समय देना चाहिए, शाम के समय में कपड़े पूरे पहने । एसी और पंखे एकदम न चलायें
-भीड़भाड़ भरे इलाके में जाने से बचें, क्योंकि ऐसे इलाके में कोई खांसी करेगा तो इसके शिकार आप भी होंगे
-पसीना शरीर से ज्यदा निकलता है, ऐसे में लगातार पानी पिएं

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