दिल्ली में हर दिन करीब 81 बच्चे तम्बाकू की शुरुआत करते हैं! -तम्बाकू मुक्त दिल्ली बनाने की दिशा में दिल्ली पुलिस ने किया सराहनीय कार्य

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली स्वास्थ्य विभाग एवं निजी क्षेत्र के डाक्टरों की मदद से दिल्ली पुलिस ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा), 2003 के प्रावधानों को योजनबद्ध तरीके से लागू कर राजधानी को तम्बाकू मुक्त बनाने करने की शुरूआत की है। राजधानी में प्रति दिन 81 बच्चे तम्बाकू का उपयोग शुरू करते हैं। दक्षिणी दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) पी कामराज ने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पहले अपने अधिकारियों और जवानों को सीओटीपीए का प्रशिक्षण दिया और उन्हें इस कानून के प्रति संवेदीकृत किया। इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई शुरू की। अभियान दिल्ली पुलिस और संबंध हेल्थ फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं टुबैको कंट्रोल के प्रमुख संजय सेठ की अगुवाई में निजी डाक्टरों की मदद से चलाया गया।
यह भी:
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (सीओटीपीए) एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य तम्बाकू सेवन(उपयोग) को कम करना है और बिना वैधानिक चेतावनी के सार्वजनिक स्थानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन और प्रचार, स्कूलों के 100 गज के भीतर और नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाता है। यह कानून तम्बाकू का सेवन करने वाले और सेवन न करने वाले दोनों के स्वास्थ्य सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
खास बातें:
सभी जिलों की पुलिस द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर धूम्रपान करने वालों की पकड-धकड़ शुरू की गई और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का अभियान चलाया गया। और इस काम में हमें संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मदद ली गई। पहल जारी रहेगी जिससे धूम्रपान करने वालों में व्यावहारिक बदलाव आए जिससे नि धूम्रपान न करने वाले लोगों को भी मदद मिलेगी। मैक्स इंडिया फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहिनी दलजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली में तंबाकू सेवन का 17.8 फीसद लेगों में प्रचलन है, और इससे तम्बाकू के कारण प्रति वर्ष 10 हजार से अधिक मौतें हेाती है।
चलान की रफ्तार बढ़ी: पैसिव स्मोकिंग खतरनाक:
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राजधानी में तम्बाकू के सेवन को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2017 के 700 चालानों के स्तर को फरवरी 2018 में बढ़ाकर 6 हजार कर दिया। मैक्स ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष और वीओटीवी संरक्षक डा. हरित चतुर्वेदी ने कहा, सभी तरह के 50 फीसद कैंसर की बीमारी और 90फीसद मौखिक कैंसर का कारण तम्बाकू और इसके उत्पादों का सेवन है। यदि तंबाकू समाज से समाप्त हो जाए, तो हम सभी प्रकार के 50 फीसद कैंसर को रोक सकते हैं। दिल्ली में लगभग 11फीसद आबादी धूम्रपान करती है, लेकिन यह अन्य 89 फीसद लेगों पर धुएं का असर डालती है। इससे वैसे भी लोगों का स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो जाता है जो धूम्रपान या तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करते।

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