भारत चौहान नई दिल्ली। वि लीवर (जिगर) दिवस पर बृहस्पतिवार को राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें लोगों को विशेषज्ञों ने अपने लीवर को स्वस्थ रखने के लिए रोकथाम पर जोर दिया। यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के निदेशक एवं प्रख्यात लीवर एक्सपर्ट्स डा. एसके सरीन ने कहा कि लीवर दवाओं में समेत सभी प्रकार के भोजन और द्रवित पदार्थो का प्रसंस्करण करता है। इसलिए लीवर के काम के बिना जीवित रहना असंभव है। लीवर की बीमारियां हेपेटाइटिस ए, बी, सी, एल्कोहॉल और दवाओं के कारण हो सकती है। वायरल हेपेटाइटिस अशुद्ध खाना और पानी, असुरक्षित यौन प्रक्रियाओं और दवाओं के उपभोग के कारण होता है। अगर समय से उपचार नहीं कराया जाए तो लिवर सोरायसिस और लीवर कैं सर का कारण बन सकता है। रोकथाम ही इसे बचाने रखने का सशक्त तरीका है।
बत्तरा हास्पिटल मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर में गैस्ट्रो साइंसेज के प्रमुख डा. आरके हिमथानी ने लिवर की वाषिर्क स्क्रीनिंग पर जोर देते हुए कहा शराब और धूम्रपान न करने की सलाह दी। डा. शरद मल्होत्रा ने कहा कि लिवर कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। यदि नियमित जांच लिवर की की जाए तो हम 60 फीसद लिवर कैंसर के कारकों को रोका जा सकता है। फोर्टिस हास्पिटल के डा. अरविंद खुराना ने यकृत कैंसर जिसे हेप्टोसेल्यूर कहते हैं। यह पांचवा सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है जिसके कारण हर वर्ष लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसकी पहचान अब ट्रिपल फेज कॉन्ट्रेस्ट के जरिए सीटी और एमआरई से सटीक रूप से की जा सकती है। मैक्स के डा. रजनीश मल्होत्रा की देखरेख में साकेत में एक स्क्रीनिंज कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों के स्वस्थ्य यकृत के बारें में जानकारी दी गई। आई 7 के निदेशक डा. संजय चौधरी ने कहा कि लीवर रोग का पता शुरुआत में लग जाने से यह तय है रोग का जीवन बचाया जा सकता है। कालरा हार्ट हास्पिटल के निदेशक डा. आरएन कालरा ने लीवर जांच का आयोजन किया। मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार के नेतृत्व में लीवर जागरुपता रैली का आयोजन किया गया। इंडिया गेट से यह रैली मंडी हाउस तक निकाली गई।