ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, अब तक तो आपने केवल मरीजों के इलाज की बात ही सुनी होगी, लेकन अब अस्पतालों के स्वास्थ्य की जांच भी होगी। खास बात है कि यह जांच खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय करेगा। इसके लिए अस्पताल मे भर्ती होने वाले एक एक मरीज से लेकर उसके सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) और वेंटीलेटर पर रहने की अवधि तक का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके लिए मंत्रालय एनएबीएच के साथ मिलकर एक पोर्टल बनाने की दिशा मे काम कर रहा है।
बृह्स्पतिवार को राजधानी के आरएमएल अस्पताल में कायाकल्प अभियान के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बताया कि सरकार जल्द ही आउटपुट बेस्ड मॉनेटरिंग सिस्टम (पोर्टल) बनाने जा रही है। जिसे सभी अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। इसके तहत सभी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों, मरने वालों की संख्या, ऑपरेशन, उसे किस डॉक्टर ने अंजाम दिया के अलावा मरीज के आईसीयू व वेंटीलेटर होने की अवधी तक की रियल टाइम मॉनेटरिंग की जाएगी। इससे बीमारियों का स्थानीय स्तर पर पता लगाकर उसकी बेहतर रोकथाम की जा सकेगी।
इलाज होगा सटीक:
अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए पहले ही मंत्रालय की तरफ से मेरा अस्पताल नाम का एप, पोर्टल और एसएमएस सिस्टम बनाया गया है जिसमे मरीज के अस्पताल से छुट्टी होने के बाद ही अस्पताल की सुविधाओं से उनकी संतुष्टि को लेकर सवाल किया जाता है। इसमें आए मरीजों के जवाब को अभी सार्वजनिक नहीं किया जाता है, लेकिन आने वाले दिनो में इस जवाब की समिक्षा की जाएगी और इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
सफाई के लिए बांटे दस करोड़ :
प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अस्पतालों में सफाई बढ़ाने के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम अभियान के तहत वर्ष 2017-18 मे बेहतर सफाई के लिए अस्पतालों को दस करोड़ रु पए दिए गए। इसमे सबसे ज्यादा ढ़ाई करोड़ रु पए एम्स को मिला। वहीं सफदरजंग को भी पहली बार इस पुस्कार के लिए चुना गया। इसे 50 लाख रु पए का पुरस्कार दिया गया। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। हर जगह राउंड द क्लाक अस्पताल परिसर, आपरेशन थियेटर व अन्य जगहों पर सफाई की जा रही है। इसके लिए हर विभाग को प्रमुख बनाया गया है उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सफाई सही तरह की जा रही है। कर्मचारी समय पर अपना कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा सभी राज्यों में भी बेहतर जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी दिया गया। इसमे दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और महषर्ि वाल्मिकी अस्पताल को 25-25 लाख का पुरस्कार मिला है।