दिल्ली कमेटी के प्रयासों से 38 भगौड़े एन.आर.आई. दुल्हों का पासपोर्ट हुआ रद्द भारत सरकार ने भगौड़े दुल्हों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इन्ट्रीग्रेटिड नोडल ऐजेंसी बनाई

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भारत चौहान नई दिल्ली, पंजाब की लड़कीयों से शादी कर भगौड़े हुए दुल्हों की अब खैर नहीं है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पहलकदमी पर कार्यवाही करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के अधीन सभी मामलों की जांच के लिए इन्ट्रीग्रेटिड नोडल ऐजेंसी बनाने का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय के निदेशक विवेक जेप ने कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. को इस बाबत आज भेजे पत्र में इस बात की जानकारी दी है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की उपसचिव शिप्रा राय को आई.एन.ए. का प्रमुख बनाया गया है।

इस बाबत आज कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका एवं कानूनी विभाग के चेयरमैन जसविन्दर सिंह जौली ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए भारत सरकार द्वारा इस मसले पर दिखाई गई तत्परता के लिए धन्यवाद किया। कालका ने बताया कि 9 मई 2018 को दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष द्वारा प्रैस कांफ्रेंस करके विवाह के बाद त्याग दी गई लड़कीयों के जीवन एवं संघर्ष के बारे जानकारी देते हुए इस मसले पर सहयोग के लिए दिल्ली कमेटी द्वारा एन.आर.आई. सेल खोलने का ऐलान किया गया था। इसके साथ ही केन्द्रीय विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पंजाब सरकार सहित राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में कड़ा कानून बनाकर भगौड़े दुल्हों को भारत में वापस लाने की वकालत की गई थी।

कालका ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने आज ऐतिहासिक कार्यवाही करते हुए जहां नोडल ऐजेंसी बना दी है वहीं नोडल ऐजेंसी को भगौड़े दुल्हों के खिलाफ लुक आउट सर्कूलर जारी करने का प्रभावी अधिकार भी दिया है। दिल्ली कमेटी के प्रयासों से 38 भगौड़े दुल्हों का पासपोर्ट रद्द भी हो गया है। जिसके कारण आज पीड़ित औरतें कमेटी का धन्यवाद करने के लिए यहां आई हैं। कालका ने इस मसले पर सहयोग के लिए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का धन्यवाद भी किया।

जौली ने कहा कि दिल्ली कमेटी द्वारा स्थापित एन.आर.आई. सैल जाति, धर्म के भेदभाव के बिना हर मजबूर औरत के केस को कानूनी कसौटी पर परख कर तैयार कर रहा है। ताकि बेसहारा एवं मजबूर लड़कियां को सहायता मिल सके। जौली ने भारत सरकार द्वारा बनाई गयी नोडल ऐजेंसी पर खुशी जताते हुए इन मामलों पर कड़ा कानून बनाने की पैरवी की। जौली ने कहा कि नोडल ऐजेंंसी का लाभ सिर्फ पीड़ित महिलाओं को मिलेगा पर भविष्य में यदि पीड़ित महिलाऐं पैदा न हो उसके लिए कड़े कानून की आवश्यकता है।

जौली ने एन.आर.आई. दुल्हों द्वारा भारतीय लड़कीयों से विवाह के पहले विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों से मंजूरी लेने को जरूरी करने की बात करते हुए कहा कि एन.आर.आई. दुल्हे का विवाह पंजीकृत करने के लिए भारतीय दूतावास एवं दुल्हे की आजीविका प्रमुख की ओर से जानकारी का पत्र प्राप्त होना जरूरी है। ताकि कोई एन.आर.आई. दुल्हा भारतीय लड़की का जीवन बर्बाद न कर सके। जौली ने इस मामले में दिल्ली कमेटी द्वारा हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट तक जाने का ईशारा किया। इस अवसर पर पीड़ित सतविन्दर कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि हम दिल्ली कमेटी का धन्यवाद करने के लिए यहां आये हैं क्योंकि तीन महीनें में ही जहां 38 पासपोर्ट रद्द हुए है वहीं कई भगौड़े पी.ओ. घोषित हो गये हैं। इसलिए बेटीयां-बहनों की जिन्दगी को बचाने के लिए दिल्ली कमेटी द्वारा की जा रही मेहनत हमारी जिंदगी सवांरने का कारण बन रही है।

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