ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , भारतीय सड़क अनुसंधान परिषद और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में वर्ष 2017 में 1 लाख 47 हजार 913 लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में खो दिया, जिनमें से 48,764 मामले दोपहिया वाहनों, 26,869 मामले कारों, 20,457 पैदल चलने वालों और 3,09 लोग साइकिल दुर्घटनाओं के थे। भारतीय सड़कों पर हर दिन औसतन 400 से अधिक लोग दुर्घटनाओं में जान गंवा देते हैं। चूंकि देश में 10 फरवरी, 2019 तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, इसलिए हेलमेट पहनने की प्रथा को फिर से लागू करने और इसे अनिवार्य बनाने की आवश्यकता है।
आंकड़े:
सुश्रुत ट्रामा सेंटर के सीएमओ डा. विकास रामपाल के अनुसार साइकिल हेलमेट पहनने से सिर और मस्तिष्क की चोट का खतरा कम होता है। वर्ष 2009 के पांच केस-कंट्रोल्ड अध्ययनों की समीक्षा में पाया गया कि हेलमेट सिर व मस्तिष्क की चोटों के जोखिम में 63 से 88 प्रतिशत तक कमी लाता है और साइकिल चालकों के ऊपरी और चेहरे के मध्य की चोटों में 65 प्रतिशत कमी आती है। बच्चों में (15 साल से कम उम्र) हेलमेट पहनने से सिर की चोट का खतरा 63 प्रतिशत और चेतना का नुकसान 86 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
जरूरी निर्देश:
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री डा. केके अग्रवाल ने रोकथाम पर जोर दिया। हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने का महत्व नुकसान रोकने के अन्य तरीकों से अधिक कारगर है। हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने के महत्व सहित यातायात नियमों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। दो और चार पहिया वाहन चलाने वालों के अलावा, गर्भवती महिलाओं को भी थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट पहननी चाहिए। ये सीट बेल्ट टक्कर लगने की स्थिति में मां और भ्रूण को काफी अधिक सुरक्षा प्रदान करती है।
सिफारिशें:
-हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने के मामले में जीरो टॉलरेंस का पालन होना चाहिए।
-हेलमेट की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
-पांच साल से कम आयु के बच्चों को कार की अगली सीट पर बैठने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। बच्चों के लिए कार सीटें अनिवार्य होनी चाहिए।
-स्कूलों में हेलमेट और सीट बेल्ट का महत्व सिखाया जाना चाहिए।
नुकसान में कमी:
-साइकिल हेलमेट पहनने से सिर की चोटें रुकती हैं, जिससे मस्तिष्क की चोट का खतरा कम होता है।
-हेलमेट सिर और मस्तिष्क की चोटों के जोखिम में 63 से 88 प्रतिशत की कमी लाता है और सभी उम्र के साइकिल चालकों के लिए ऊपरी व मध्य-चेहरे पर चोटों में 65 प्रतिशत कमी प्रदान करता है।