जीटीबी अस्पताल में वॉक-इन-कैजुअल्टी और आधुनिक एंटी रैबीज क्लीनिक की शुरु आत – केजरीवाल ने की शुरु आत , दिल्ली सरकार के अस्पतालों में साल भर में 6 करोड़ मरीज पहुंचे

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भारत चौहान नई दिल्ली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को पूर्वी दिल्ली के गुरु तेग बहादुर(जीटीबी) अस्पताल में तीन नई सुविधाओं की शुरु आत की। इस अस्पताल में वॉक-इन-कैजुअल्टी, कोरिडोर और वि स्वास्थ्य संगठन के मानक का एंटी-रैबीज क्लीनिक शामिल है।
वॉक-इन-कैजुएलिटी :
इस मौके पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि नई कैजुअल्टी के तहत ऐसे मरीजों का इलाज होगा, जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है लेकिन भर्ती करने की व्यवस्था न हो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वॉक-इन -कैजुअल्टी दिल्ली के अस्पताल में एक तरह का नया प्रयोग है। अगर यह सफल रहा तो इसे पूरे दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी इसकी शुरु आत की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में दुर्घटना के 90 प्रतिशत मरीजों की स्थिती गंभीर नहीं होती है या उनकी हालत इतनी गंभीर नहीं होती की भर्ती कराना पड़े। ऐसे में उनका इलाज वॉक-इन -कैजुअल्टी के तहत हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी शुरू किया जाएगा। वॉक-इन कैजुअल्टी के लिए 25 बेड अलग से उपलब्ध होंगे। अस्पताल के डॉक्टर भरत सागर के मुताबिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग में रोजाना लगभग एक हजार मरीज आते हैं लेकिन इनमें से 200 के आसपास मरीज गंभीर स्थिति में होते हैं तो बाकी मरीज ऐसी समस्याएं लेकर अस्पताल आते हैं जिन्हें तुरंत इलाज करने की जरूरत तो होती है लेकिन उन्हें भर्ती करने की जरूरत नहीं होती। इसे देखते हुए 25 बेड की वॉक इन कैजुएलिटी तैयार की गई है।

आधुनिक रैबीज क्लीनिक:
अस्पताल में आधुनिक रैबीज क्लीनिक की भी शुरु आत की जो वि स्वास्थ्य संगठन के मानकों के हिसाब से बनाया गया है। इस क्लीनिक में आने वाले मरीजों को सीरम और टीका वाले दोनों उपचार उपलब्ध कराए जाएंगे। यहां मरीजों के जख्म पर एंटी रैबीज सीरम भी लगाया जाएगा और उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन भी लगाई जाएगी।
अलग कोरिडोर:
डॉक्टर भरत सिंह के मुताबिक इमरजेंसी तक आने के लिए मरीज को उसी रास्ते से आना पड़ता है जिससे वाहन गुजरते हैं। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कत होती है और वाहनों की वजह से जाम भी लग जाता है। ऐसे में दो कोरिडोर बनाए गए हैं जो मुख्य द्वार से लेकर इमरजेंसी तक जाते हैं। एक आने के लिए है और दूसरा जाने के लिए है।

छह करोड़ हुई ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या :
केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली में ‘आप‘ की सरकार बनने के बाद से सरकारी 3 करोड़ मरीज ओपीडी में आते थे, ये संख्या अब बढ़कर 6 करोड़ हो गई है। ये सरकारी अस्पतालों की उपलब्धि है कि काम अच्छा हो रहा है, इलाज अच्छा हो रहा है। लोगों को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों के मरीजों के दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराने पर कहा कि दिल्ली सरकार के पास इतनी क्षमता नहीं है कि पूरे देश के मरीजों के इलाज का खर्च उठा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के टैक्स के पैसे से चलने वाले अस्पताल में पहले दिल्ली के लोगों का हक बनता है। दिल्ली का पूरा बजट लगा दें तो भी देश के सारे मरीजों का इलाज नहीं करा सकेंगे।

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