ठंड से बचने के लिए एम्स के सबवे में रात गुजार सकते हैं बेघर लोग – सरकार ने लिया संज्ञान, स्वास्थ्य मंत्री हुए सक्रिय, एनडीएमसी ने दी अनुमति

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) हस्तक्षेप के बाद अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज से संबद्ध सफदरजंग अस्पताल मध्य बने भूमिगत पैदल पार पथ (सबवे) में बेघरों के साथ ही एम्स में उपचार की आस में प्रतिक्षारत मरीजों और उनके रिश्तेदारों को रात गुजारने की अनुमति प्रदान कर दी है। इस आशय की पुष्टि एम्स प्रशासन के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदॉन ने की। बता दें कि साहब, सर्दी से तो बच जाते हैं पर चूहे कतर जाते हैं हाथ, डुबिस का कंबल उठा ले गया एनडीएमसी शीषर्क से राष्ट्रीय सहारा के पृष्ठ संख्या दो पर 31 दिसम्बर 2018 के अंक में इस मामले का खुलासा किया था। दिल्ली में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। तापमान में गिरावट जारी है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बेघर लोगों को उठानी पड़ रही है।
डुसिब ने राहत की सांस:
डुसिब के चीफ एक्जक्यूटिव ऑफिसर (आईएएस) सुरबीर सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि अब रैन बसेरो के साथ ही मरीजों के रिश्तेदारों को सबवे में रात बिताने की अनुमति मिल गया है। दरअसल वर्ष 2017 में भी प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद एनडीएमसी ने ठंड के दौरान ऐसी ही अनुमति प्रदान की थी। जो 25 दिसम्बर 2017 से 29 जनवरी 2018 तक अधिकृत की गई थी। एम्स का सबवे अब रातभर खुला रहेगा। इस सबवे में कई दवा व सनेक्स की दुकानें भी है। उन्हें यहां पर रियायत दर पर चाय व अन्य प्रकार के स्नेक्स का भी प्रबंध किया गया है।
खुशी की लहर, दलालों से मिलेगी मुक्ति:
कैंसर विभाग में कीमो करा रही शान्ति देवी (67) खुश दिखी। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद साहब अब हमें यह भय नहीं रहेगा कि कोई रात को सोते वक्त हमें जगा देगा और कंबल, दरी, चादरे, उसमे रखा सामान जबरन प्रशासन उठा कर ले जाएगा। यह नेक कार्य सप्ताह भर पहले से कर दिया जाता है तो और राहत मिल जाती, चलो देर आए दुरुस्त आए। हम आपके अखबार के प्रबंधन को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने समय रहते इस समस्या को उठाया, फिर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर दी। यहा सक्रिय दलालों से भी मुक्ति मिलेगी जो 8 बजे रात के बाद पहुंचने वालों से 10 रुपये 20 रुपये प्रति इंट्री लेते रहे हैं।
दबाव ज्यादा है, मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक बेघर लोगों की बड़ी संख्या और मरीज के साथ आए लोग साल भर एम्स के बाहर फुटपाथ पर सोते हैं। ठंड बढ़ने के बाद ने हॉस्पिटल के पास एक अस्थायी शेल्टर होम बनाया है ताकि लोग इसमें रात गुजार सकें। इसके अलावा खाली पड़े प्लॉट में इस बार चार अन्य टेंट वाले शेल्टर होम भी बनाए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इसमें सबको रहने की इजाजत नहीं है। 4 शेल्टर होम 245 लोगों के लिए काफी है लेकिन अभी भी 150 से ज्यादा लोग खुले में सो रहे हैं। एम्स सबवे को रात 8 बजे लेकर सुबह 6 बजे तक के लिए हमें इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। उम्मीद है कि बाहर सो रहे लोगों को इसमें शिफ्ट किया जाएगा। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि एम्स के आसपास अन्य खाली जगहों की भी पहचान की है, जहां पर अस्थायी शेल्टर होम बनाया जा सके। अब इन्हें पुन: यहां रात्रिकालीन रात बिताने की अनुमति प्रदान की गई है।

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