प्रत्येक दोषी को न्याय के कठघरे में लाए जाने तक चैन नहीं: सिख बिरादरी का संकल्प

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भारत चौहान नई दिल्ली, देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हुई हत्या के बाद भड़के सिख दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावास की सजा प्राप्त पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के आत्मर्पण करने के बाद सिख नेताओं ने कहा है कि जब तक दंगों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता है, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
शिरोमणि अकाली दल के सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे पीड़ितों के लिए एक ‘बड़ी राहत’ करार देते हुए कहा, लाखों लोग जिनके सीने में 1984 के दंगों का दर्द दबा है। वे सज्जन को आत्मसमर्पण करते देखना चाहते थे। यह दंगों में शामिल मुख्य नेताओं को सजा मिलने की शुरूआत है। उन्होंने कहा सिख दंगों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को जब तक न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि कुमार के जेल जाने से अन्य गवाहों को ताकत मिलेगी जो पहले आगे आने से डरे हुए थे। उन्होंने कहा हम उन गवाहों की मौत के मामलों में भी रोजाना सुनवाई किए जाने की मांग करेंगे जो आगे आना चाहते थे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने कहा कि यह सिखों के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। सिंह ने कहा इससे चौतरफा एक संदेश गया है कि (1984 के सिख दंगों के मामले में शामिल) कोई भी नहीं बचेगा और हम चाहते हैं कि कमलनाथ (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री) और (कांग्रेस नेता जगदीश) टाइटलर को उनके अपराधों की सजा मिलनी चाहिए। राजौरी गार्डन के पूर्व विधायक एवं दिल्ली पंजाबी एकेडेमी के उपाध्यक्ष जनरल सिंह ने न्यायालय ने जो निर्णय सुनाया है वह स्वागत योग्य है और भविष्य में यह संदेश देता है कि जो निर्ममता से हिंसा सिख बिरादरी पर की थी, वह अक्षम्य थी, अब वे ऐसा करने से पहले 100 बार सोचेंगे फिर उनकी हिम्मत स्वप्न में भी नहीं करेगी कि वे किसी भी बिरादरी को सरेआम जला दें, उनकी निर्मम हत्या कर दें। हमें तसल्ली तब होगी जब अन्य आरोपी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे होंगे।

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