उफ्फ यह गर्मी, इस पर हीट स्ट्रोक एलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी -अस्पतालों की इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक के 15 से 18 फीसद मामले

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , राजधानी दिल्ली में पारा 45-47 डिग्री के पार पहुंच चुका है और गर्मी ने कई सालों का रेकॉर्ड भी तोड़ दिया है। ऐसे में चिलचिलाती धूप के अलावा सबसे बड़ी समस्या होती है हीट स्ट्रोक यानी लू लगने की। जैसे ही तापमान बढ़ता है, लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक में शरीर में पानी की कमी हो जाती है और बेहोशी आने लगती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। अस्पतालों में बीते 72 घंटे के दौरान शरीर में पानी की कमी, लू लगने के मामलों में 15 से 18 फीसद तक मामले दर्ज किए गए हैं। राजधानी के 8 अस्पतालों की इमरजेंसी से प्राप्त आंकडों के अनुसार सर्वाधिक 345 मामले सफदरजंग अस्पताल में आए। वहीं एम्स में इस दौरान 234, डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल में 230, लोकनायक अस्पताल में 223, जीटीबी में 218, हिंदुराव में 211, लाल बहादुरशास्त्री अस्पताल में 199 जबकि दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में 187 मामले पाए गए। इन अस्पतालों के सीएमओ ने बताया कि आए कुल 1847 मामलों में 60 फीसद उम्रदराज, व बच्चे, गर्भवती महिलाएं पाए गए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्डियालॉजी विभाग के प्रो. डा. राकेश यादव ने जारी निर्देश के हवाले से बताया कि इसके तहत लू लगने की मुख्य वजह डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होती है। भरपूर मात्रा में पानी व तरल पदाथरे का सेवन करने के साथ ही तबियत बिगडने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में डाक्टर से परामर्श लें।
ऐसे करें हीट स्ट्रोक से बचाव:
मेदांता मेडिसिटी वास्कुलर सर्जरी यूनिट के चेयरमैन डा. राजीव पारिख गर्मी के मौसम में कई तरह की समस्याएं सामने आ जाती हैं। इन समस्याओं में हीट स्ट्रोक भी एक समस्या है। भीषण गर्मी में बच्चे सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक की चपेट में आ रहे हैं। इसमें गर्मी में इंसान के शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्मी में ज्यादा देर धूप में रहने से शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलने के कारण पानी की कमी हो जाती है। इससे सर में दर्द, थकान, सुस्ती, भूख का कम होना बदन में ऐंठन, उल्टी होना, पेट मे दर्द, जलन, दस्त होना, चक्कर आना साथ ही मानिसक संतुलन बिगड़ने जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। डा. पारिख ने कहा कि इंसान का शरीर 37 डिग्री तक तापमान सहन करने में सक्षम होता है। तापमान इससे ऊपर जाने पर शरीर में कई प्रकार की दिक्कत महसूस होने लगती है, शरीर से पानी खत्म होने लगता है खून गाढ़ा हो जाता है। ऐसे में बच्चे जल्दी इन बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इसके लिए काफी सावधानियां बरतने की जरूरत है।
ऐसा करें:
गर्मी और धूप से होने वाली बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत होती है। ऐसे में बच्चों को कोल्ड ड्रिंक से दूर रखें और शकिंजी का इस्तेमाल करें। इसके अलावा गुड़ को दही में मिला कर बच्चों को खिलाना चाहिए।
न करें:
गर्मी में फूड पॉइजनिंग की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए कटा हुआ फल न खरीदें और न ही देर से रखा हुआ खाना खाएं, बाहर खुले में बिकने वाले तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन भी न करें। कोशिश करें कि गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें। बाजार में खुले रूप से बिकने वाले जूस का सेवन भी घातक हो सकता है, उससे बचना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय खाली पेट न जाएं, अधिक देर भूखे रहने से भी बचना चाहिए।

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