आधार अध्यादेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को न्यायालय ने हाईकोर्ट जाने को कहा

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ज्ञान प्रकाश नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र की ओर से हाल में जारी आधार अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर उच्च न्यायालय का रूख करे। न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर अभी कुछ नहीं कह रहे हैं और वे इस मामले में पहले उच्च न्यायालय के विचार जानना चाहेंगे। पीठ ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के विचारों का लाभ लेना चाहेंगे।’’ यचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनुंिसघवी ने पीठ को बताया कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव होगा। इसलिए न्यायालय को इसपर सुनवाई करनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह रहे कि हमारे पास इस पर सुनवाई करने की शक्ति नहीं।’’ पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील ने याचिका को वापस लेने का अनुरोध करते हुए इस बात की स्वतंत्रता चाही कि उन्हें उच्च न्यायालय जाने की इजाजत दी जाए। अनुरोध स्वीकार किया जाता है। इसी के मुताबिक रिट याचिका को वापस लिया हुआ मानकर खारिज किया जाता है और उपरोक्त किये गए अनुरोध को मंजूरी दी जाती है।’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोंिवद ने तीन मार्च को आधार अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए थे। यह मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेने और बैंक में खाते खुलवाने के लिए आधार कार्ड के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देता है। इस अध्यादेश की आवश्यकता इसलिये हुए क्योंकि लोकसभा में पारित होने के बाद इससे जुड़ा विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था।

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