हर स्तर पर कैंसर स्क्रीनिंग और पहचान की सुविधाएं मुहैया कराने की जरूरत :डब्ल्यूएचओ

0
574
ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , वि कैंसर दिवस के मौके पर कैंसर की रोकथाम और जागरुकता पर जोर दिया गया। आईटीओ स्थित डब्ल्यूएचओं के सभागार में वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य पण्राली के हर स्तर पर कैंसर स्क्रीनिंग, उसकी पहचान और निदान की सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने सदस्य देशों से आग्रह किया कि कैंसर की रोकथाम को प्राथमिकता देने वाली नीतियां लागू की जाएं। डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि 2018 में दुनियाभर में कैंसर के 1.81 करोड़ नये मामले सामने आए, वहीं इस बीमारी से करीब 96 लाख लोगों की मौत हो गयी। मृत्यु के मामलों में से 70 प्रतिशत मामले निम्न और मध्य आय वर्ग के देशों से आए। इनमें डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देश भी शामिल हैं। सिंह ने  कहा कि कैंसर  स्क्रींिनंग, निदान और उपचार के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं होना प्रमुख कारण है। 2017 में निम्न आय वाले केवल 30 प्रतिशत देशों में उचित कैंसर उपचार सुविधाएं उपलब्ध होने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के 67 प्रतिशत से अधिक कैंसर रोगियों की 70 साल की उम्र से पहले मौत हो जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए और पूरे क्षेत्र में प्रगति को तेज करने के लिए हर स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में राष्ट्रीय कैंसर नियंतण्रकार्यक्रम को शामिल करने की जरूरत है।
आंखों की स्क्रीनिंग जरूरी:
पदमश्री अवार्डी और सेंटर फॉर साइट सेंटर के चिकित्सा निदेशक डा. महिपाल सचदेव ने कहा रेटिनोब्लास्टोमा दुनिया भर में बच्चों में सबसे आम प्रकार का आंखों का कैंसर है। भारत में हर साल रेटिनोब्लास्टोमा के 1500 से अधिक मामले सामने आते हैं। इससे आमतौर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे प्रभावित होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में व्हाइट आई रिफ्लेक्स (पुतली का सफेद होना/ ल्यूकोकोरिया), आंख का असामान्य विचलन (भैंगापन), नजर कमजोर होना, आंख का लाल होना और दर्द होना और उभरी हुई आंखें शामिल हैं। लगभग 40 प्रतिशत मामलों में यह ट्यूमर माता-पिता से बच्चे में पारित (हेरिटेज) हो सकता है, इसलिए रेटिनोब्लास्टोमा में आनुवंशिक जांच भी महत्वपूर्ण है। रेटिनोब्लास्टोमा का प्रबंधन शुरूआत से ही लंबा सफर तय कर चुका है। इसका फोकस अब जीवन को बचाने से लेकर आंख बचाने पर है और अब इसका फोकस दृष्टि को बचाने पर ही केंद्रित हो गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here