आंध्र प्रदेश का दिल अब दिल्ली के 63 वर्षीय मरीज में धड़केगा -अंग दान कर बचाई 6 जिंदगियां

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , शल्यक्रिया क्षेत्र में प्रगति जारी है। अब भारतीय हार्ट सर्जन्स ने दान में मिले दिल को 63 वर्षीय बुजुर्ग में सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित करने में सफलता हासिल की है। फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में एडवांस्ड हार्ट फेल्योर प्रोग्राम के प्रमुख डा. विशाल रस्तोगी की टीम ने दिल्ली के 63 वर्षीय एक बुजुर्ग को यह अहम जीवनदान दिया है। डा. रस्तोगी के अनुसार आंद्र प्रदेश के विजयवाड़ा के 48 वर्षीय ब्रेन डेड व्यक्ति के परिजनों ने उसके अंगों को दान किया था। इसने न केवल अपना हृदय बल्कि फेफड़े, किडनी और लिवर को दान कर 6 जिंदगियों को बचाया है। दरअसल बीते 10 नवम्बर की सायं नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (नोटो) की आनलाइन बेवसाइट पर मृतक के परिजनों ने अंग दान करने की इच्छा जताई थी।अंगदान और प्रत्योरोपण कार्यक्रम के लिए निरंतर सहयोग देने के लिए मैं एनओटीटीओ का दिल से आभारी हूं। उनकी वजह से हम एक सप्ताह के भीतर दूसरा प्रत्यागरोपण सफलतापूर्वक करने में सफल रहे।
त्वरित कार्रवाई ने बचाई जिंदगी:
कार्डियक सर्जन डा. जेड एस मेहरवाल के अनुसार एफईएचआई टीम ने एनओटीटीओ के साथ समन्वनय किया और उनकी पुष्टि के बाद डा. मनमोहन के नेतृत्वि में एक टीम हृदय को विजयवाड़ा से दिल्लीस लाने के लिए रवाना हुई। यह टीम 10 नवंबर को सुबह 3 बजे एफईएचआई से रवाना हुई और विजयवाड़ा में पूरे दिन रही और रात 12 बजे हृदय को लेकर वापस यहां पहुंची। हृदय की स्थिति का आकलन करने के बाद टीम ने हृदय को हासिल किया और एयरपोर्ट टर्मिंनल 3 से लेकर एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यिूट, ओखला तक एक ग्रीन गलियारा बनाया गया, जिसकी मदद से 22.5 किलोमीटर की दूरी को केवल 19 मिनट में पूरा किया गया। इस टीम ने एफईएचआई में पहले से तैयार टीम के साथ मिलकर पूरी रात काम किया। ऑपरेशन सफल रहा और मरीज स्थिर है।

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