डंक डेंगू का: मच्छरों की ब्रीडिंग पर एम्स समेत 234 संस्थानों का चालान -विभिन्न अस्पतालों के 35 विभागध्यक्षों भी है इनमें शामिल

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, डेंगू के डंक का कहर अब तेज होने लगा है इसके साथ ही डेंगू लार्वा का प्रजनन ने रफ्तार पकड़ ली है। हालत यह है कि इन मच्छरों के प्रजनन में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), डा. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान केंद्र, कृषिभवन, निर्माण भवन जैसे अति संवदेनशील क्षेत्रों में पाए गए है। एसडीएमसी ने डीबीसी की मदद से 5 लाख घरों, 6789 सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लार्वा का प्रजनन पाए जाने की पुष्टि की है। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हमने अब तक एम्स समेत 234 संस्थानों को चालान किया है। इसके यही नहीं, डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के बाद साउथ एमसीडी ने उन अस्पतालों, एजुकेशन इंस्टिट्यूट और दफ्तरों का चालान किया है, जहां मच्छरों की ब्रीडिंग पाई गई है। दिल्ली सरकार के एलएनजेपी, एलबीएस, जीटीबी समेत कई अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के 35 विभागाध्यक्षों का चालान किया गया है। कारीब 23 निजी अस्पतालों का भी एमसीडी ने चालान किया है।
वैक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल मामलों के प्रमख डा. एके बंसल के अनुसार, अक्टूबर में मच्छरों की ब्रीडिंग काफी बढ़ जाती है। इस महीने डेंगू और मलेरिया के मामलों में अचानक इजाफा हो जाता है। पिछले कई सालों से अक्टूबर में डेंगू और मलेरिया के मामले सबसे अधिक हैं। सैदुलाजाब स्थित दिल्ली टूरिज्म के गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज, कुतुब मेट्रो स्टेशन, सीआर पार्क स्थित जल बोर्ड का दफ्तर, मैदानगढ़ी, डाबड़ी स्थित दादा देव अस्पताल, मैक्स हॉस्पिटल, जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर, इन सभी जगहों पर मच्छरों की ब्रीडिंग पाई गई। इसके बाद एमसीडी अफसरों ने इन दफ्तरों के हेड का चालान किया। डेंगू का वायरस मच्छर से फैलता है। डेंगू बुखार का सहीं समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। डेंगू में ब्ल्ड में मौजूद प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगते हैं।
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मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार के अनुसार डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जो एडीस एजिप्टी नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इसके कारण हर साल अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती है। जब कोई मच्छर डेंगू बुखार से ग्रस्त किसी रोगी को काटता है, और फिर वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो वायरस स्वस्थ व्यक्ति के खून में पहुंच जाता है। इससे स्वस्थ व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता है। मच्छर के एक बार काटने से भी डेंगू होने की संभावना रहती है।

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