भारत चौहान नई दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने पने कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से वंचित थैलेसीमिया रोगियों के लिए ‘थैलेसीमिया बाल सेवा योजना’ के दूसरे चरण की शुरुआत की।
इस योजना को 2017 में शुरू किया गया था। यह योजना कोल इंडिया के सीएसआर कोष से चलाई जा रही हेमाटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य हेमोग्लोबिनोपैथिज जैसी थैलीसीमिया और सिकल सेल रोग के उन मरीजों को एक बार के उपचार का अवसर प्रदान करना है, जिनके पास अपने परिवार में दानकर्ता हैं। सीएसआर पहल का लक्ष्य प्रत्येक एचएससीटी के लिए 10 लाख रुपये तक की लागत के पैकेज के तहत कुल 200 रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने संजय गांधी पीजीआई लखनऊ, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली, सीएमसी वेल्लोर, टाटा मेडिकल सेंटर कोलकाता और राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट दिल्ली के डॉक्टरों को 135 बच्चों का किसी शुल्क और डॉक्टर की फीस के बिना सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न हेमोग्लोबिनोपैथिज के शांत संवाहकों के डेटा से पता चलता है कि बी-थैलेसीमिया के लिए 2.9-4.6 प्रतिशत है, जबकि विशेष रूप से जनजातीय जनसंख्या में सिकल सेल एनीमिया के लिए यह 40 प्रतिशत है। हेमोग्लोबिन के विभिन्न प्रकार एचबीई पूर्वी भारत में आम हो सकते हैं, क्योंकि 3-50 प्रतिशत के बीच मामलों में इन बीमारियों के लिए अधिक ध्यान केन्द्रित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सीएमसी लुधियाना और नारायण हृदयालय बैंग्लुरु की सराहना की, जो इन उन्नत देखभाल थेरेपी 2020 से प्रदान करने को सहमत हुए हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कोल इंडिया और इसकी सीएसआर टीम के प्रति गरीबी रेखा से नीचे के हेमाटोलोजिकल विकारों से ग्रस्त रोगियों और उन्हें 2020 से अगले दो वर्ष तक सहायता देने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. हर्ष वर्धन ने भारत में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक व्यय होने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि लोग पारिवारिक भूमि और संपत्ति बेचकर अपना उपचार कराते हैं। इसी दर्द को महसूस कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्षित जनसंख्या के लिए आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि हम इस योजना के लाभार्थियों से मिले हैं और उन्होंने अपने जीवन के कष्ट काल में बहुमूल्य मदद मिलने पर आभार के आंसू के जरिए अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति की थी।
डॉ. हर्ष वर्धन ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि इस योजना के अंतर्गत अप्लास्टिक एनीमिया के कुल 200 रोगियों को इस वर्ष कवर किया गया है। ऐसे मामलों को आयुष्मान भारत – आरोग्य केन्द्रों के नेटवर्क में परामर्श के माध्यम से रोका जा सकता है। हमने देश के प्रत्येक जिला अस्पताल में रक्त संचारण सुविधा उपलब्ध कराई है, जबकि कुछ जिलों में यह सुविधा ब्लॉक स्तर पर भी उपलब्ध है।