स्वास्थ्य संबंधी प्राथिमकता के मुद्दों के समाधान और स्वास्थ्य को उन्नत करना की जरूरत: डा. हषर्वर्धन डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मलेन शुरू

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों में स्वास्थ्य मंत्रियों और विशेषज्ञों का एक सप्ताह तक चलने वाला सम्मलेन सोमवार से राजधानी में आरंभ हुआ। सम्मलेन में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिकता के मुद्दों और हाल के वर्षो में रोग उन्मूलन उपलब्ध प्रगति को और तेज करने पर जोर दिया गया।
डब्लूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय समिति के इस 72वें सत्र का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने इस क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सफलता के उदाहरण पैदा करने के लिए मिशन मोड एप्रोच अपनाने का आह्वान किया। उनहोंने कहा कि सार्वजनीन स्वास्थ्य व्यक्ति के माध्यम से संवहनीय विकास लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर जब हम आगे बढ़ रहे हैं ऐसे में हमें एकजुट होकर संक्रमण और संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए प्रयास करना जरूरी है। नेपाल के उप प्रधान मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री उपेन्द्र यादव ने कहा किए इस क्षेत्र की क्षेत्रीय समिति के सत्र में इस विविधतापूर्ण क्षेत्र के देशों की आम समस्याओं के नवोन्मेषी समाधानों को पहचानने का अद्भुत अवसर मिलता है। डब्लूएचओ के महानिदेशक डा. तेद्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा किए विगत पांच वष्रे में इस क्षेत्र की उपलब्धियों की सूची काफी लम्बी है और यह सचमुच उत्साहवर्धक तथा खुशी की बात है। हम कामना करते हैं कि यह गति आगे भी बनी रहेगी और डब्लूएचओ के ग्लोबल ट्रिपल बिलियन लक्ष्यों में अंशदान करेगी।
डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम क्षेत्रपाल सिंह ने कहा क्षेत्रीय समिति की सभा एक ऐसा अवसर है जहां हम नीतियों और तकनीकी रणनीतियों पर चर्चा करने और इन्हें अद्यतन करने के लिए अभी तक के कार्यों का पुनरावलोकन और प्रगति की समीक्षा कर सकते है। हमें अपनी दैनिक चिंताओं और तात्कालिक सीमा से बाहर देखने की जरु रत है ताकि उभरती चुनौतियों और प्रवृत्तियों को चिन्हित करने तथा अपने संयुक्त एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए नई संभावनाओं की खोज की जा सके ।
सम्मेलन की मुख्य बातें:
इसमें अन्य मुद्दों के साथ-साथ ग्रीवा कैंसर आकस्मिकता के प्रति तत्परता-क्षमता की मजबूती चेचक का उन्मूलन और टीबी के बढ़ते बोझ, कुपोषण के हल के बारे में विचार विमर्श होगा।

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