भारत चौहान, नई दिल्ली आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का सितंबर 2018 में शुभारंभ होने के बाद से एक करोड़ से अधिक लोगों ने देशभर के अस्पतालों में करीब 13,412 करोड़ रु पये के निशुल्क इलाज का लाभ उठाया है। इस योजना को लागू कराने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने बुधवार को कहा कि देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत 2,132 लोगों ने कोविड-19 का इलाज कराया या करा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के प्रमुख डा. इंदु भूषण ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हषर्वर्धन एक करोड़ आयुष्मान करोड़ों मुस्कान शीषर्क वेब सम्मेलनों की श्रृंखला आरोग्य धारा के पहले संस्करण योजना का शुभारंभ करेंगे। डा. भूषण ने बताया कि इस मौके पर आयोजित सम्मेलन में डा. हषर्वर्धन का प्रमुख संबोधन होगा और उनके व्हाट्सएप पर ‘आस्क आयुष्मान’ चैट बोट शुरू कर सकते हैं। जिसमें एबी पीएजेएवाई के विभिन्न आयामों जैसे कि इसके लाभ, विशेषताएं, ई-कार्ड बनाने की प्रक्रिया, प्रतिक्रिया साझा करने और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में चौबीसों घंटे जानकारी मुहैया कराई जाएगी। यही नहीं वे अस्पताल रैंकिंग डैशबोर्ड भी शुरू कर सकते हैं जो लाभार्थियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सूचीबद्ध अस्पतालों की रैंकिंग तय करने में अहम कदम होगा। एबी-पीएमजेएवाई और एनएचए के सीईओ डा. इंदु भूषण ने कहा हम एबी-पीएमजेएवाई के तहत एक करोड़ लोगों का इलाज करने की उपलब्धि ऐसे समय में हासिल करने जा रहे हैं जब पूरा देश कोविड-19 वैिक महामारी से जूझ रहा है।
निजी अस्पतालों की दिलचस्पी बढ़ी:
निजी अस्पतालों समेत 21 हजार 565 से अधिक अस्पतालों को अभी तक इस कार्यक्रम के तहत लाया गया है। उसने बताया कि गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल और राजस्थान ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस योजना के तहत सबसे अधिक संख्या में लोगों को इलाज मुहैया कराया है। लोगों ने इस योजना के तहत सबसे अधिक हड्डी रोग, हृदय रोग, हृदय तथा वक्ष रोग और वाहिकीय रोग, विकिरणों से होने वाले कैंसर तथा मूत्र रोगों के लिए इलाज कराया।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन ने एक बयान में कहा कि दो साल से भी कम समय में देश के गरीब परिवारों के एक करोड़ मरीजों को इलाज मुहैया कराना आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के लिए बड़ी उपलब्धि है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत अभी तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने नि:शुल्क इलाज का लाभ उठाया
21 हजार 565 से अधिक अस्पताल हो चुके हैं इस योजना में शामिल