ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली। इस ठिठुरन भरी ठंड में सुदूर राज्यों से गुणवत्तापूर्ण इलाज की आस में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) उपचार व नैदानिक सेवाओं की आस में आने वाले मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती है। क्षमता से ढाई गुना मरीजों से अटे एम्स कुल फैकल्टी, रेजिडेंट्स में से 23 दिसम्बर से 50 फीसद शीतकालीन अवकाश पर जाने की तैयारी में है। अवकाश की अवधि अगले 20 दिन तक रहेगी। हालांकि एम्स प्रशासन ने दावा किया कि उनकी जगह जूनियर रेजिडेंट्स, फैकल्टी सदस्य अपनी सेवाएं देंगे। मसलन यदि यूनिट प्रमुख अवकाश पर है तो उसके यहां पंजीकृत मरीजों को उसके समकक्ष यूनिट के सर्जन्स डाक्टर जांच करेंगे।
एम्स प्रशासन के तर्क से मरीज नहीं रखते इत्तेफाक:
शुक्रवार को स्नायु तंत्रिका विज्ञान कें द्र के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ऐसे मरीजों की भींड थी जिनकी इस सप्ताह सर्जरी निर्धारित की गई थी, इनमें कई ऐसे थे जिन्हें 8 माह पहले डेट मिली थी तो कुछ को साल भर से इस डेट के आने का इंतजार कर रहे हैं। एम्स के नियमानुसार जिन मरीजों को भर्ती की डेट दी जाती है उन्हें यहां तय डेट से तीन से चार दिन पहले पता करना जरूरी है, कि उस दिन जो डेट उसे भर्ती करने के लिए मिली है, उस डाक्टर की यूनिट में बेड खाली है की नहीं। इसकी सूचना के बाद ही नये सिरे से उस मरीज की बेहोशी, मल, मूत्र, रक्त संबंधी अन्य जांचों की प्रक्रिया एम्स के पैथलैब से ही कराई जाती है। इन ताजी रिपोर्ट्स के साथ जब वह डाक्टर के पास पहुंचता है तब उसे भर्ती किया जाता है। बिहार के अररिया जिला के रजनीश (45) के सिर में ट्यूमर है, जिसकी सर्जरी न्यूरो सर्जरी में की जानी है। उसे आज की भर्ती की की डेट डेढ़ साल पहले मिली थी। पंजीकरण काउंटर पर वह सुबक रहा था कि यहां उसे बताया गया कि जिस यूनिट के डाक्टर आपकी सर्जरी करेंगे वे 23 से 20 दिन के लिए छुटट्ी पर जा रहे हैं। इसलिए वह 13 मार्च 2020 पर आए तब भर्ती किया जाएगा। उसकी तरह ही हृदय वक्र तंत्रिका शल्यक्रिया विज्ञान विभाग, अस्थिशल्यक्रिया विभाग, डा. आरपी सेंटर समेत अन्य विभागों में मरीजों ने ऐसे ही दिक्कतें बताई।
देंखेगे सिर्फ गंभीर मरीजों को:
10 जनवरी तक चलने वाले इस शीतकालीन अवकाश के चलते एम्स में मरीजों के ऑपरेशन भी फिलहाल डॉक्टरों ने वापस आने के बाद ही करने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि गंभीर मरीजों को छोड़ अन्य को 10 जनवरी के बाद आकर ही डेट लेने की सलाह दी जा रही है। एम्स के निदेशक डा. रणदीक गुलेरिया ने कहा कि स्थित को नियंतण्रमें रखने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। अवकाश का दो चरणों में बांटा गया है। पहली चरण 23 से 31 दिसंबर और 2 जनवरी से 10 जनवरी तक 50.50 फीसद डॉक्टरों को अवकाश पर जाने की अनुमति दी है। साथ ही सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि डॉक्टरों के अवकाश के चलते मरीजों की सेवा में अवरोध नहीं होना चाहिए।
तकनीकी दिक्कतें:
फैकल्टी के अनुसार एम्स में जिस डॉक्टर के पास मरीज का उपचार चल रहा है उसे दूसरे से इलाज कराने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इलाज के मध्य अवकाश पड़ने के चलते मरीज को कुछ दिन इंतजार की सलाह दी जाती है।
एम्स प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि दो चरणों में शीतकालीन अवकाश को रखा है। चिकित्सीय सेवाएं प्रभावित न हो सकें। अब किस चरण में कौन अवकाश पर जाएगा इसकी जिम्मेदारी प्रबंधन ने विभाग को ही सौंपी है। डॉक्टर भी मरीजों को अवकाश के बाद ही दिखाने की सलाह दे रहे हैं। फिर भी जिन मरीजों को इसके बारे में जानकारी नहीं है वे संबंधित डाक्टर से इस बारे में पता कर सकते हैं। ताकि अवकाश के चलते उन्हें एम्स में आकर परेशानी न हो।
बढ़ेगी एम्स में गंभीर मरीजों की दिक्कतें, टले मरीजों के आपरेशन! -23 दिसम्बर से आधे डॉक्टर छुट्टी पर
शीतकालीन अवकाश के चलते डॉक्टरों को मिले अवकाश -गंभीर मरीजों के लिए ही तत्काल मिलेगा इलाज