डाक्टरी की पढ़ाई करने वालों के लिए राहत भरी खबर -75 और उन्नत मेडिकल कॉलेज बनाने की वर्तमान वित्त वर्ष में मिली स्वीकृति

देश को 500 और अस्पतालों की आवश्यकता -एनआईपीएचटीआर के नये आवासीय संस्थागत प्रांगण का शुभारंभ किया

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने राहत भरे कदम उठाए हैं इसके तहत 75 नए मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हषर्वर्धन ने शनिवार को यहां राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, पनवेल (एनआईपीएचटीआर) के नये संस्थागत प्रांगण और आवासीय परिसर के निर्माण कार्य के शुभारंभ करने के बाद आयोजित समारोह में यह जानकारी दी।
70 साल में लापरवाही:
डा. हषर्वर्धन ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 70 वर्ष में लापरवाही के कारण जनस्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया, हालांकि जनस्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। पिछले 57 वर्ष में देश में केवल 82 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए, लेकिन देश भर में 500 और उन्नत मेडिकल कॉलेज बनाने की आवश्यकता है। इनसे आयुष्मान भारत और केन्द्र सरकार की अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से लोगों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही देश के आकांक्षी जिलों में 75 उन्नत मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति दी गई। जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए लगभग सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
मौजूदा स्थिति:
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जनस्वास्थ्य के लिए वर्तमान में 650 से 700 मेडिकल कॉलेज और विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाएं कार्यरत हैं और इन्हें रचनात्मक दृष्टिकोण से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता विकसित करने का काम करना चाहिए। 700 मेडिकल कॉलेजों में रोकथाम उपायों और सामाजिक विषयों के 7000 विभाग हैं, जिनमें 7 फैकल्टी सदस्य और 5 हजार समर्पित प्रशिक्षित प्रोफेसर हैं। यदि इन सबका उपयोग रोकथाम की दवाओं और सामाजिक मुद्दों के लिए किया जाए तो भारत सबके लिए स्वास्थ्य का लक्ष्य हासिल कर सकता है। नई शुरू की गई रोबोट राष्ट्रीय निगरानी पण्राली इबोला और कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
कई जटिल चुनौतियां:
डा. हषर्वर्धन ने बताया कि किस तरह देश पीलाज, पोलियो, मलेरिया और टीबी जैसी महामारियों का मुकाबला कर रहा है और हर बार स्वास्थ्य मंत्रालयों और मंत्रियों के संयुक्त प्रयासों से समग्र मृत्यु दर में कमी लाने और ऐसे रोगों के उन्मूलन की सफलता मिलती है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लागू किए गए शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की विस्तारपूर्वक चचरा की। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सरकार मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगा रही है। इस मौके पर एनआईपीएचटीआर के निदेशक डा. दीपक राउत भी मौजूद थे।

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