एलर्ट: दिल्ली में मैन टू मैन एच1एन1 स्वाइन फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है

देशभर की बात की जाए तो स्वाइन फ्लू के मामले में तमिलनाडु पहले नंबर पर तो दिल्ली दूसरे में सर्वाधिक मामले -आरएमएल, सफदरजंग, एम्स में बनाए गए हैं आइसोलेशन वार्ड

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ज्ञानप्रकाश/भारत चौहान नई दिल्ली , लोगों में कारोना वायरस का खौफ अभी थमा भी नहीं, अब इसके साथ ही लोगों में एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू का डर बढ़ने लगा है। दरअसल, दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मामले इतनी तेजी से फैल रहे हैं कि देखते ही देखते दिल्ली के कई राज्यों से आगे निकल गई है। यह हैरानी होगी कि इस वर्ष 21 फरवरी 2020 तक केवल तमिलनाडू ही ऐसा राज्या था जहां दिल्ली से ज्यादा स्वाइन प्लू के मामले पाए गए हैं। बाकी सभी राज्यों का दिल्ली ने इस मामले में पछाड़ दिया है। ऐसे में दिल्ली वालों को बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है।
रिपोर्ट में खुलासा:
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक 21 फरवरी 2020 तक दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 161 मामले सामने आए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि 2 फरवरी 2020 तक स्वाइन फ्लू के केवल 43 मामले सामने आए थे। उसके बाद यानी सिर्फ 19 दिनों में 21 फरवरी 2020 तक 118 लोगों को स्वाइन फ्लू की गिरफ्त में आए। वहीं तमिलनाडु की बात करें तो वहां 21 फरवरी तक 192 केस पाए गए हैं। ऐसे में तमिलनाडु को छोड़कर दिल्ली स्वाइन फ्लू के मामले में बेहद आगे निकल गई है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी चिंता में है क्योंकि यह मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 में दिल्ली में पूरे साल के अंदर स्वाइन फ्लू के केवल 151 मामले सामने आए थे और इस बार दो महीने भी पूरे नहीं हुए और मामले इतने बढ़ गए हैं हालांकि 21 फरवरी 2020 तक स्वाइन फ्लू के चलते किसी के मौत की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। वर्ष 2017 के स्वाइन फ्लूके आंकड़ों के मुताबिक 6 ऐसे राज्य थे जो स्वाइन फ्लू के मामले में दिल्ली से बेहद आगे थे लेकिन इस बार डेढ़ महीने में ही दिल्ली ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
अस्पतालों में एलर्ट:
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने कहा कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। जहां पर संदिग्धों को हर स्तर पर स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है। आरएमएल, एम्स, सफदरजंग अस्पताल में आइसोलेशन स्पेशल यूनिट बनाए गए हैं। उधर, मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार ने कहा कि चूंकि स्वाइन फ्लू विषाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के स्पर्श करने और हवा से फैलता है, इसलिए बचाव और रोकथाम ही सका सशक्त उपचार हो सकता है। सचेत रहने की जरूरत है। भींडभाड वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए।
वर्ष 2017 में यहां थे दिल्ली से ज्यादा मामले:
दिल्ली -2835
गुजरात -7709
कर्नाटक -3260
महाराष्ट्र -6144
राजस्थान -3619
तमिलनाडु -3315
यूपी -3857
स्वाइन फ्लू:
स्वाइन फ्लू सन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। इसे 1919 में एक महामारी के रूप में मान्यता दी गई थी। स्वाइन फ्लू का कारण एच1एन1 वायरस है। इसकी शुरु आत सुअरों से हुई थी। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द आदि हैं। इससे बचने के लिए साफ सफाई पर ध्यान देने की विशेष जरूरत होती है।

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