ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, देश की राजधानी में आयुष्मान भारत को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर नेशनल हेल्थ एजेंसी (एनएचआई) सीधेतौर पर राजधानी के निजी अस्पतालों को अपने खेमे में ले रही है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार से एक बार फिर योजना से जुड़ने की अपील की है। नड्डा ने दिल्ली वालों का हवाला देते हुए लिखा है कि दिल्ली सरकार को गरीब परिवारों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए आयुष्मान भारत का एमओयू करना चाहिए। बता दें कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी और विधानसभा विपक्ष नेता विजेंद्र गुप्ता पहले ही आयुष्मान भारत को लेकर दिल्ली सरकार का घेराव कर चुके हैं।
इन सबके मध्य कनॉट प्लेस स्थित एनएचआई के मुख्यालय में दिल्ली के आठ निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत के लिए एमओयू साइन किया है। इनमें मोतीनगर स्थित कालरा अस्पताल, दरियागंज स्थित डा. श्रॉफ चैरिटी नेत्र चिकित्सालय, सिग्नस एमएलएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, लाइफलाइन, सेंटर फॉर साइट, तारक और भाटिया ग्लोबल अस्पताल शामिल हैं।
रार जारी:
दूसरी तरफ अभी तक आयुष्मान भारत योजना को लेकर दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंजूरी नहीं दी है। बताया जा रहा है कि योजना के नाम और लाभार्थियों की संख्या तय करने को लेकर शर्त पूरी न होने के कारण दिल्ली सरकार ने एमओयू करने से साफ इंकार कर दिया था। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग एक अधिकारी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार आयुष्मान भारत से भी ज्यादा बेहतर स्वास्थ्य बीमा योजना दिल्ली वालों के लिए लेकर आ रही है। इस साल 2018 के बजट में दिल्ली सरकार ने इसकी घोषणा भी की थी। हालांकि अभी तक इस योजना पर बहुत काम होना बाकी है।
दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने दावा किया जल्द ही दिल्ली के मैक्स, गंगाराम और अपोलो जैसे बड़े कारपोरेट अस्पताल आयुष्मान भारत से जुड़ने जा रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो अन्य राज्यों के लाभार्थियों को दिल्ली के इन अस्पतालों में उपचार लेने में आसानी होगी।