इसलिए नहीं पहुंच रहे अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन -डीडीयू में फिर खत्म हुए रेबीज के इंजेक्शन -रोजाना 15 से 20 मरीजों को भेजना पड़ रहा वापस -अब नई कंपनी को दिया टेंडर

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भारत चौहान नई दिल्ली , दिल्ली सरकार के अस्पतालों मे रेबीज इंजेक्शन नदारद होने संबंधी मरीजों की शिकायतें लंबे समय से आए दिन सुर्खियों में हैं। हालांकि प्रशासन का तर्क है कि डाग बाइट के मामलों में कई फीसद तक बढ़ोतरी हो गई है। इस वजह से अस्पतालों में इंजेक्शन का स्टॉक बहुत जल्दी खत्म हो जाता है। मांग के हिसाब से हमें स्टाक की आपूर्ति नहीं की जा रही है। इसके चलते मरीजों को उनकी मांग के अनुसार उन्हें इजेंक्शन के लिए कई बार अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ता है।
दो सप्ताह से नहीं है इंजेक्शन:
पश्चिमी दिल्ली के हरीनगर स्थित बिस्तरों के मामले में सबसे बड़े दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में दो हफ्ते से अस्पताल में आने वाले मरीजों को ये इंजेक्शन नहीं मिल रहे। पहले ऐसा नहीं था। इसके साथ ही संजय गांधी और अंबेडकर अस्पताल में भी इंजेक्शन मौजूद नहीं है जिसके चलते लोगों को वापिस लौटना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रेबीज इंजेक्शन खत्म होने का कारण वह कंपनी है जिसे बैन कर दिया गया है। जिस कंपनी को पोलियो के मामले में बैन किया गया था, वही कंपनी रेबीज इंजेक्शन भी बनाती थी। जब से इसे बैन किया गया है, तब से अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक नहीं पहुंच रहा। पहुंच रहा है तो काफी समय बाद और वह भी लिमिटेड स्टॉक में। स्टॉक खत्म होने पर इन्हें दोबारा मंगवाने के लिए एक से डेढ़ महीने तक इंतजार करना पड़ता है। डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज डा. नूतन मुंडेजा के मुताबिक, इंजेक्शन की कमी को पूरा करने के लिए नई कंपनी को टेंडर दिया है। दोबारा इनकी कमी नहीं होगी।
यह भी:
कुछ दिनों पहले 11 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था और उसे ओखला स्थित ईएसआई ले जाया गया था। वहां उसे रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला था क्योंकि वहां भी काफी समय से इंजेक्शन नहीं पहुंच रहे थे। दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं। अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर के मुताबिक, अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन के लिए रोज 15 से 20 मरीज आते हैं लेकिन उन्हें वापस भेजना पड़ता है। वह डॉक्टरों को बुरा-भला कहते हैं। उन्हें लगता है कि डॉक्टर जानबूझकर इंजेक्शन नहीं लगा रहे। कई बार यही लड़ाई-झगड़े का कारण बन जाता है

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