आयुष्मान भारत: फेक वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप राह का रोड़ा -आज ही के दिन सामने लाई गई थी आयुष्मान भारत योजना -31 जनवरी तक 10 लाख लोगों ने लिया लाभ -768 करोड़ रुपये का क्लेम हुआ पास

0
637

ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , बीते साल यानी 2018 में फरवरी माह के पहले सप्ताह से प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लाभ अब तक लाखों निर्धन अति गंभीर रूप से बीमारों के चेहरे पर खुशियां बिखेर चुकी है। इस योजना में देशभर में दिन ब दिन प्रगति जारी है। इस योजना को सफल बनाने की राह में काफी रोड़े भी आ रहे हैं। इस कड़ी में फेक वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप का फर्जी मामला सामने आया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
असरदार है योजना:
स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सुदॉन के अनुसार यह अत्यंत सफल योजना है। जिसमें पारदर्शिता का पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है। सितंबर 2018 से लेकर 31 जनवरी तक 10 लाख से भी ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। वहीं एक करोड़ से ज्यादा ई-कार्ड भी जनरेट हो चुके हैं। योजना की साख में सेंध लगाने और कथित तौर पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ हम सख्त रुख अख्तियार कर रहे हैं। इसके तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। फेक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।
यह कहते हैं आंकड़े:
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक 31 जनवरी तक कुल 10 लाख 21 हजार 051 लोग इसका लाभ ले चुके हैं। वहीं बात अगर क्लेम की करें तो आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 984.2 करोड़ क्लेम जमा करवा गया है जिसमें से 768.8 करोड़ रूपये क्लेम पास हो चुका है लेकिन इस सब के बीच फेक वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप को लेकर मंत्रालय को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि मंत्रालय के आईटी की एक टीम इन फेक वेबसाइट्स और ऐप को बंद करने और इन पर कार्रवाई करने में लगी रहती है।
अब तक:
मंत्रालय की तरफ से आयुष्मान भारत को लेकर अभी तक 78 फेक वेबसाइट पकड़ी गई हैं जिनमें से 48 को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और अन्य वेबसाइट्स पर कार्रवाई चल रही है। वहीं आईटी टीम की तरफ से 88 फेक मोबाइल ऐप भी पकड़े हैं जिन्हें बैन कर दिया गया है। मंत्रालय का दावा है कि यह फेक वेबसाइट्स और ऐप लोगों को मूर्ख बनाकर फर्जी कार्ड जनरेट कर रहे थे और उनसे पैसे ऐंठ लेते थे। ऐसे में इन पर ध्यान रखने और कार्रवाई करने के लिए एक अलग से आईटी की टीम नियुक्त की गई है जिसका काम इन पर नजर रखना है।
सख्त कदम उठाए गए:
इस बारे में आयुष्मान भारत के सीईओ डा. इंदू भूषण का कहना है कि ऐसी वेबसाइट्स और ऐप पर हमारी टीम नियमित रूप से नजर बनाए रखती है और इन पर कार्रवाई करती हैं। इसके खिलाफ हमारी तरफ से कई एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं और आगे हम इनके लिए एक ऐसी नीति लेकर आएंगे ताकि आयुष्मान भारत नाम से न तो कोई वेबसाइट बने और न ही कोई ऐप बन सके और यदि बने तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here