लाल किले पर राजा शिवाजीछत्रपति ऐतिहासिक गौरवगाथा नाटक का मंचन

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भारत चौहान नईदिल्ली, विश्व के दुसरे सबसे बड़े और एशिया के पहले प्रसिद्ध नाटक “राजा  शिवाजीछत्रपति ऐतिहासिक गौरवगाथा” का मंचन शनिवार को बड़े उल्लास और उत्साह के साथ दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस उदय उमेश ललित ने नारियल फोड़ कर किया। इस मौके पर आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल
और वरिष्ठ प्रचारक रामेश्वर सिंह उपस्थित रहे और सभी ने माँ तुलजा भवानी की आरती की।
इस महानाट्य को देखने के लिये लोग दिल्ली-एनसीआर से ही नहीं बल्की अलग-अलग राज्यों से भी आये थे। सेना के अधिकारयों, जवानों, कई स्कूलों के बच्चे बड़ी संख्या मे महानाट्य देखने लाल किला पहुंचे। महानाट्य की मंचीय भव्यता देश-विदेश में सबका मन मोह रही है। कार्यक्रम के लिए चार मंजिला पिछले 15 दिनों स्टेज तैयार से तैयार किया गया है। नाटक मंचन में 250 कलाकारों का शानदार अभिनय, ध्वनि एवं प्रकाश का संयुक्त-सटीक प्रयोग ने युद्ध के दृश्यों को जीवंत किया. वास्तविक घोड़ो और ऊँटों का प्रयोग इस महानाट्य का आकर्षण रहा. राजा शिवाजी के जीवन पर आधारित इस महानाट्य देखते समय ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि आप शिवकालीन दौर में पहुंच गए हों. नाटक में शिवाजी महाराज का शौर्य, सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता, प्रसाशनिक कुशलता, युद्ध कौशल नीति, दूरदर्शिता, युद्ध की विशिष्ट नीति एवं शैली का बहुत ही अद्भुत संगम देखने को मिला।


शिवाजी के जीवन चरित्र पर आधारित मराठी नाटक “जाणता राजा” का यह हिंदी रूपान्तर है जिससे 96 वर्षिय शिव शाहीर बाबा साहेब पुरंदरे ने मराठी में लिखा है। भारत, अमरीका, इंग्लैंड सहित दुनिया के विभिन्न देशों में इस महानाट्य का अभी तक 1200 से ज्यादा मंचन हो चुका इस नाटक का उद्देश्य जन जन को शिवाजी से जुडी घटनाओं और हमारे गौरवशाली इतिहास को अवगत करना है। यह महानाट्य हमें राष्ट्र धर्म की सीख देता है और समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराता है। यह देश के ऐसे महान हिन्दू सम्राट की कहानी है जिसने राजसत्ता का त्याग कर स्वतंत्रता सेनानी बनकर हिन्दवी स्वराज की आवाज बुलंद की थी।
बता दें कि दिल्ली की जनता के अन्दर इतना उत्साह है कि इसकी पांचो शो कि टिकटे एडवांस में ही बुक हो चुकी हैं। कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू होने वाला था परन्तु तेज आंधी और बारिश के कारण इससे रद्द करना पड़ा। शुक्रवार को कार्यक्रम देखने आये दर्शक बारिश एवं आंधी के बाद भी मैदान में डटे रहे. दर्शकों के उत्साह को देखते हुए इस कार्यक्रम को बारिश कम होते ही शुरू किया गया। हालांकि बाद में तेज बारिश के कारण इस कार्यक्रम को बीच में ही रोकना पड़ा। मगर शनिवार से इस कार्यक्रम का निर्विघ्न मंचन शुरू हो गया है।
कार्यक्रम के संयोजक श्याम जाजू ने बताया है “भारतीय जनता पार्टी की सासदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया कि मैने स्वयं इस नाटक का पहला शो पुणे में जाकर देखा है. इससे भारत कि गौरवशाली परंपरा का एहसास होता है. अपना अनुभव सांझा करते हुए उन्होंने सभी सांसदों से इस नाटक को देखने की अपील की” ।

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