ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली चेहरे गोरा करने, शरीर छरहरा बनाने वाली क्रीम, दवाएं संबंधी दावों की सच्चाई इसके उलट है।
इन स्किन फेयरनेस क्रीम के अंदर ऐसे तत्व हैं जो आपके चेहरे को सीधे नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे आपके चेहरे आपकी पतली हो जाती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रतिज एवं त्वचारोग विभाग के प्रमुख डॉ. वीके शर्मा ने प्रेस क्लब में आयोजित र्वड हेल्थ स्किन डे के मौके पर ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि इस बावत एसोसिएशन ऑफ डर्माटोलॉजीस्ट्स, वेनेरियोलोजिस्ट एंड लेप्रोलॉजिस्ट (आईएडीवीएल) की ओर से ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को भी लिखा गया है कि ऐसी क्रीम बंद होनी चाहिए, वहीं महाराष्ट्र में भी इस बावत जनिहत याचिका दायर की गई है। बत्तरा हास्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर के चिकित्सा निदेशक एवं प्लास्पिटक सर्जरी यूनिट के प्रमुख डा. विपुल सूद ने कहा कि ऐसे दिगभ्रमित दावों से नाजुक त्वचा क्षतिग्रस्त हो सकती है। हमें पौष्टिक आहार और अधिकृत स्किन एक्सपर्ट्स की सलाह के बाद ही किसी भी तरह की क्रीम व तरल पदाथरे का चेहरे पर आलेपन करना चाहिए।
जींस ज्यादा दिन पहनना भी त्वचा के लिए खतरनाक:
डॉ. शर्मा के मुताबिक, फंगज इंफेक्शन के मामले पिछले कुछ सालों में दो से तीन गुना हो गये हैं। यह सामान्य दवाई से ठीक नहीं हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह जीवनशैली में बदलाव और जींस की पैंट का इस्तेमाल है। कई बार लोग एक ही जींस बहुत दिनों तक पहनकर रखते हैं। इससे यह फंगज शरीर में बन जा रहा है। कई बार लोग फंगज से बचने के लिएं स्टेरॉयड युक्त ट्यूब लोग इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इसको खत्म नहीं करता हैं। हरियाणा, गुजरात और बेंगुलरू में भी इस तरह के मामले बढ़े हैं।
दो से तिगुना हुए है मरीज:
एम्स में आने वाली ओपीडी में दो से तिगुना मामले पिछले कुछ सालों में बढ़ गये हैं, अब फंगज इंफेक्शन सामान्य दवाई से ठीक नहीं हो रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली बदलनी चाहिए, कपड़े साफ पहनने चाहिए। जो कपड़े फंगज युक्त व्यक्ति पहन रहे हें। उसे अलग अलग धोना चाहिए। मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार एवं डा. रजनीश मल्होत्रा ने युवाओं में सौंदर्य के प्रति बढ़ते क्रेज से वे दिगभ्रमित हो रहे हैं। जागरुकता की जरूरत है। आई सेवेन के निदेशक डा. संजय चौधरी ने कहा कि नकली क्रीम चेहरे पर लगाने से इसके दुष्प्रभाव आंखों के रोशनी पर भी पड़ सकती है। वहीं कार्यक्रम में में नकली डाक्टरों से दी जा रही अधकचरी स्वास्थ्य सेवाओं से होने वाले नुकसान एवं रोकथाम विषयों पर बात की गयी।