मरीजों की कम होगी दिक्कतें, सफदरजंग सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल में नर्सो के रिक्त पदों भरने का रास्ता साफ -केबिनेट ने दी मंजूरी, फाईल भेजी गई वित्त मंत्रालय

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश के सबसे अधिक बिस्तरों और मरीजों के दबाव से अटे रहने वाले वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (वीएमएमसी) से संबद्ध सफदरजंग अस्पताल में वर्षो से नर्सिग स्टाफ के रिक्त पदों को भरने की अनुमति प्रदान कर दी है। अनुमान है कि 1100 से ज्यादा नर्सिग स्टाफ की नियुक्ति की जानी है। जिसके लिए तैयार केबिनेट नोट को पास कर दिया गया है। उसे वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। उम्मीद है कि वेतन संबंधी विसंगतियों की फाइल भी इसी पाईप लाइन में रखी गई है। इसके तहत फैकल्टी सदस्यों के अलावा तकनीकी पैरामेडिकल स्टाफ का वेतन भी बढ़ेगा।
क्या है मामला:
पिछले कुछ वर्षो से सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी और इमरजेंसी ब्लॉक में नसरे की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा था। करीब 1369 करोड़ रुपये की लागत से तैयार सुपरस्पेशिलिटी विंग की शुरुआत पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। लेकिन उस वक्त तक इस सुपरस्पेशिलिटी विंग्स में नर्सिग स्टाफ के साथ ही डाक्टरों व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां नहीं की गई। जिससे नसरे डाक्टरों ने प्रदर्शन कर रिक्त पदों को अविलंब भरने की मांग भी की। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि नसरे के चयन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। केबिनेट ने अपनी स्वीकृति दे दी है। जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ होगी। अब इन सभी पदों पर अस्पताल प्रबंधन स्थायी नियुक्तियां कर सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लिखित में आदेश मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी प्रशंसा जाहिर की है।
सनद् रहे:
अस्पताल प्रबंधन की ओर से दोनों ही ब्लॉक के लिए करीब 1400 नर्सों को नियुक्त करने की मांग की गई थी।
बहरहाल सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही इस दिशा में आगे की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। वहीं दिल्ली र्नसंिग एसोसिएशन की अध्यक्ष प्रेमरोज सूरी ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अस्पतालों में अस्थायी नर्स नियुक्त नहीं हो सकती। डॉक्टर से ज्यादा मरीज की सेवा और जिम्मेदारी नर्स के भरोसे रहती है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज का जीवन सुरक्षित और जिम्मेदार हाथों में ही दिया जाए उसे ठेका प्रथा से न जोड़ा जाए। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि इस मामले में हमें मंत्रालय के आदेश का इंतजार है। जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर देंगे।

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