पेशेंट फ्रेंडली पहल: आरएमएल में महिला और पुरुष मरीज एक साथ वार्ड में भर्ती हो सकेंगे -एक ईकाई के डॉक्टर अपने मरीजों के पास आसानी से पहुंच सकेंगे -अब तक महिला पुरुष मरीज अलग-अलग वार्ड भर्ती करने की है प्रथा

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , अति वीवीआईपी मरीजों से एम्स के बाद अक्सर अटे रहने वाले डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन ने पेशेंट फ्रेंडली योजना की पहल की है। इसके तहत अस्पताल में पुरु ष और महिला मरीज एक साथ एक ही वार्ड में भर्ती किए जा सकेंगे। इस नए फैसले से मरीजों और डॉक्टरों दोनों को राहत मिलेगी। फिलहाल यह सुविधा मेडिसन विभाग के पांच वार्डों के लिए शुरू हुई है। जल्द ही इसे अस्पताल के अन्य वार्डों में भी लागू किया जा सकता है। वर्ष 1932 में सिर्फ 54 बिस्तरों से शुरू किए गए इस अस्पताल में वर्तमान में बिस्तरों की संख्या बढ़कर 954 हो चुकी है।
जारी हुआ आदेश:
मेडिसन विभाग की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक मेडिसन यूनिट के प्रत्येक यूनिट के डॉक्टरों को सिर्फ एक ही वार्ड में ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है वहीं दूसरे वाडरे में अलग ईकाई के डॉक्टर देखेंगे।
मरीजों तक डॉक्टरों के पहुंचने में देर नहीं लगेगी:
अस्पताल की पांच मंजिला इमारत में वार्ड बने हुए हैं और हर वार्ड में पांच बड़े क्यूबिक कमरे हैं। इन कमरों में प्रत्येक में छह मरीज भर्ती होते हैं। अभी तक मेडिसन विभाग की एक ईकाई के डॉक्टरों के अंतर्गत इलाज पाने वाले मरीज अलग-अलग वार्डों में भर्ती होते थे। हर वार्ड में एक ईकाई का एक ही डॉक्टर मौजूद होता था। अगर किसी वार्ड में मौजूद भर्ती मरीज को डॉक्टर देख रहा है और अचानक उसकी ईकाई के अंतर्गत भर्ती किसी अन्य मरीज की तबियत खराब होने लगे तो डॉक्टर को अपनी ईकाई के उस मरीज को देखने के लिए दूसरे वार्ड में दौड़ना पड़ता था। ऐसे में मरीज के पास पहुंचने में भी समय लगता था। नई व्यवस्था के तहत पुरु ष और महिला मरीजों को एक साथ एक ही वार्ड में भर्ती किया जा सकेगा। इससे एक ईकाई के डॉक्टरों के मरीज एक ही वार्ड में एक साथ होंगे तो डॉक्टर अपने मरीजों को एक साथ निगरानी और परामर्श दे सकेंगे और मरीज के तीमारदारों को भी आपातकालीन स्थिति में डॉक्टरों को बुलाने के लिए दूसरे वाडरे का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. वीके तिवारी ने कहा कि यह पेशेंट फ्रें डली योजना अन्य विभागों में भी प्रारंभ करने पर विचार किया जा रहा है। सुरक्षा भी कड़ी की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। जिसका नियंतण्रसुरक्षा एजेंसी को करेगी। इस सुविधा का देश में पहला सरकारी अस्पताल हो जाएगा।

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