पर्यावरण वार्निग: -2020 में दिल्ली के गाजीपुर में कचरे का ढेर ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा: रिपोर्ट -1984 में इस कचरा भराव क्षेत्र को खोला गया, 2002 में इसकी क्षमता पूरी हो गई थी -फिलहाल इसकी ऊंचाई 65 मीटर (213 फीट), अगले साल यह ऊंचाई 73 मीटर होने की आशंका

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , इसे प्रशासन का निकम्मापन कहे या फिर संबंधित एजेंसियों की निष्क्रियता। देश की राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा कचरे का ढेर अगले साल तक ताजमहल से भी ज्यादा ऊंचा हो जाएगा। पूर्वी इलाके गाजीपुर में इस कचरा भराव क्षेत्र में पक्षी, बाज, गाय, कुत्ते, चूहे जानवर खाने के लिए मंडराते रहते हैं। अगर यह इसी गति से बढ़ता रहा तो 2020 में यह करीब 73 मीटर ऊंचा हो जाएगा। यह ऊंचाई आगरा के ताजमहल से भी ज्यादा होगी। पर्यावरण की पूर्व संध्या पर जारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। 5 जून को वि पर्यावण दिवस हर साल मनाया जाता है।
गाजीपुर में हर दिन 2 टन कचरा डंप होता है:
रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर अरु ण कुमार ने बताया कि यह 65 मीटर (213 फीट) ऊंचा हो चुका है। इस क्षेत्र का दायरा हर साल 10 मीटर बढ़ रहा है। इसकी गंदी बदबू आसपास के क्षेत्रों की आवो हवा को खराब कर रही है। पर्यावरण भी संकट में है। गाजीपुर कचरा संग्रहण केंद्र 1984 में खोला गया। इसकी क्षमता 2002 में ही पूरी हो गई थी। इसे तब ही बंद किया जाना था। मगर अभी भी शहर का मलबा सैकड़ों ट्रकों के जरिए यहां डाला जा रहा है। अनुमान है कि हर दिन गाजीपुर में हर दिन 2 टन कचरा डाला जाता है।
सनद् रहे:
-2018 में इस ढेर का एक हिस्सा बारिश के कारण ढह गया था। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद यहां कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। मगर कुछ दिन बाद ही यह क्रम फिर शुरू हो गया क्योंकि अधिकारियों को इसका कोई विकल्प नहीं मिल पाया।
-सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते साल चेतावनी देते हुए कहा था कि इस कचरे के ढेर पर जल्द ही लाल लाइट लगाना पड़ेगी ताकि इसके ऊपर से गुजरने वाले हवाई जहाजों को सावधान किया जा सके।
-सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की सीनियर रिसर्चर शांभवी शुक्ला ने कहा कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस हवा में घुलने के बाद और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। पर्यावरण रक्षा समूह चिंतन की प्रमुख चित्रा मुखर्जी ने कहा यह सब कुछ तुरंत बंद होना चाहिए। लगातार कचरा डालने के कारण हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो रहे हैं। जहरीली बदबू ने हमारा जीवन नर्क बना दिया है। लोग हमेशा बीमार रहने लगे हैं।
-सरकार ने 2013 से 2017 के बीच सर्वे करवाया। इसमें दिल्ली में 981 लोगों की मौत संक्रमण के कारण हुई जबकि 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण के शिकार हुए। देश में कचरे के पहाड़ अगले कुछ वर्षो में बड़े हो जाएंगे। दिल्ली शहर दुनिया के सबसे ज्यादा कचरा पैदा करने वाले शहरों में शामिल हैं। इनसे सालाना 6 करोड़ 20 लाख टन कचरा निकलता है।

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