दिल्ली बजट से नाराज हुए विपक्षी : ग्रीन बजट की जगह रेड बजट होता तो अच्छा होता : सिरसा

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भारत चौहान नई दिल्ली, दिल्ली के विधायक मनजिन्दर सिंह सिरसा ने आज केजरीवाल सरकार की तरफ से बड़े बड़े के थोथे वायदों का बजट पेश करने की जोरदार आलोचना की और कहा कि इस में सरकार की तरफ से किये ऐलानों को अमली जामा पहनाने की यंत्र विधि का जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट को ग्रीन बजट की जगह रेड बजट का नाम दिया जाना चाहिए क्योंकि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को नुकेल डालने के लिए चुके जाने वाले कदमों का जिक्र करने में भी असफल रही है।

आज पेश किए गए बजट पर प्रतीकर्म देते सिरसा ने कहा कि बजट आशा के मुताबिक ही आया है क्योंकि पहले ही पता था कि इस में बड़े-बड़े वायदे शामिल होंगे और इन वायदों को पूरा करने पर यह चुप होगा। उन्होंने कहा कि आप का यह मौलिक फार्मूला है कि वह ऊंची-ऊंची शोर मचाती है परन्तु कारगुजारी के मामले पर इस के पास कुछ नहीं है और यही कुछ बजट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने अलग अलग क्षेत्रों खास तौर पर शिक्षा और सेहत क्षेत्र के लिए बजट व्यवस्था बढ़ाने को प्रथमिकता दी है परन्तु पिछले साल के बजट में किये ऐलानों को लागू करने में बुरी तरह असफल रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग अच्छी तरकें जानते हैं कि यह सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए 2000 करोड़ रुपए ग्रीन सैस के खर्चने में असफल रही हते यह सिर्फ आदलतें और एन.जी.टी. की दखलअंदाजी के बाद ही थी जिन्होंने सरकार को कदम उठाने की हिदायत की तो इन्होंने यह फंड इस्तेमाल करे। उन्होंने कहा कि यही बात आज के बजट में है जिस में दिल्ली में प्रदूषण रोकनो के लिए चुके जाने वाले कदमों का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि सरकार यदि इस मसले के हल के लिए संजीदा होती तो फिर वह मेट्रो किराया के लिए सबसिडी का ऐलान करती परन्तु ऐसा करने में वह असफल रही जिस से इसकी मंशा स्पष्ट होती है।

आंकड़ों पेश करते श्री सिरसा ने कहा कि पिछले साल शिक्षा क्षेत्र के लिए 11300 करोड़ रुपए रखे गए थे परन्तु सरकार सिर्फ 3083 करोड़ रुपए ही खर्च सकी। उन्होंने कहा कि इसके कारणों की आलोचना करने और इस मुहाज में अपनी कारगुजारी सुधारने की जगह सरकार ने शिक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ाने को प्रथमता दी और यह बडा कर 13,997 करोड़ रुपए कर दिया। उन्होंने हैरानी प्रकट की कि जब पिछले बजट में ही वह 10000 करोड़ रुपए खर्चने में असफल रही है तो फिर इस बार अधिक बजट कैसे खर्च सकती है।

शिरोमणी अकाली दल और भाजपा के विधायक ने ओर कहा कि ऐसा ही मामला सेहत क्षेत्र का है। आप सरकार ने पिछले बजट में इस लिए 5736 करोड़ रुपए रखे थे परन्तु इस में से सिर्फ 2152 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी अपनी नाकामी के विश्लेषण की जगह सरकार ने इस क्षेत्र के लिए बजट बढ़ा कर 6729 करोड़ रुपए कर दिया है।

सिरसा ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय बात है कि सरकार ने बजट अनुमान 44,370 करोड़ रुपए से 53000 करोड़ रुपए कर कर लोगों को गुमराह करने का प्रयत्न किया है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता यदि सरकार अपने ऐलानों को अमली जामा पहनाने के तरीके पर काम करती। उन्होंने कहा कि लोग तो पिछले तीन सालों से ज़्यादा समय से आप सरकार के ऐलान सुनते आ रहे हैं और इन्तज़ार कर रहे हैं कि इन ऐलानों पर कार्यवाही कब

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