मोदी की नेपाल में प्रचंड और अन्य नेताओं से मुलाकात: संबंधों की मजबूती पर रहा जोर प्राग्या हो सकते हैं भारत में नेपाल के नये राजदूत

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली /काठमांडो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं माओवादी पार्टी के प्रमुख प्रचंड ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आज विचारों का आदान – प्रदान किया। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मोदी ने नेपाल के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की थी। मोदी ने नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तथा पार्टी के अन्य सदस्यों से भी मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और पार्टी के अन्य सदस्यों ने काठमांडो में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। भारत – नेपाल के मजबूत संबंधों को व्यापक राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा , ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल – एमसी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान प्रदान किया। मोदी ने कल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ बैठक की थी। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की लंबी बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और उप राष्ट्रपति नंद बहादुर पुन से कल शिष्टाचार मुलाकात की। मोदी जनकपुर में कुछ देर रूकने के बाद कल काठमांडो पहुंचे थे। उन्होंने आज मुक्तिनाथ और पशुपतिनाथ मंदिरों में पूर्जा अर्चना भी की।
नहीं हो सकी चर्चा कौन होगा भारत में नेपाल का नया चेहरा:
करीब छह माह से अधिक समय से रिक्त पड़े नई दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास में राजदूत के नाम की मोदी की प्रधानमंत्री बनाने के बाद तीसरी यात्रा में भी चर्चा नहीं हो सकी। फिलहाल पीएमओ सूत्रों ने कहा कि भारत नेपाल की रजामंदी के बाद दिल्ली में बतौर राजदूत के रूप में योग्या प्रसाद नियोपानी का नाम हो सकता है। इस नये चेहरे को भारत में नेपाल का राजदूत बनाने के लिए नेपाल स्थित आरएसएस और नागपुर स्थित आरएसस के मुख्यालय के शीषर्स्थ नेताओं ने श्री नियोपानी के नाम की पहले ही मुहर लगा चुके हैं। माना जाता है श्री नियोपानी लंबे समय तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे गिरिजा प्रसाद कोईराला के कार्यालय सचिव एवं राजनीतिक सलाहकार की जिम्मेदारी बाखुबी निभा चुके हैं। उस दौरान भारत नेपाल के मध्य अच्छे संबंध रहे थे। इसके बाद श्री प्रचंड और श्री ओली भी उनके नामों पर मोहर लगा सक ते हैं। नेपाल के उपराष्ट्रपति की नजर में योग्या प्रसाद नियोपानी पंसदीदा माने जाते हैं।

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