भारत चौहान नई दिल्ली , केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत परिचालित खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने राष्ट्रीय दुग्ध गुणवत्ता सर्वेक्षण 2018 की अंतरिम रिपोर्ट जारी की। जिसमें यह बात उजागर हुई कि देश में दूध बहुत हद तक सुरक्षित है। बड़ी संख्या में लिए गए नमूनों में से बहुत कम नमूनों में मिलावट पाई गई। हालांकि इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 10 प्रतिशत से थोड़ा कम नमूनों में मिलावट पाई गई जोकि मुख्य रूप से कमजोर कृषि व्यवस्थाओं से है। इस सर्वेक्षण में 90 प्रतिशत से अधिक नमूने सुरक्षित पाए गए। यह नमूनों के आकार 6432 नमूने और मानकों की संख्या 4 गुणवत्ता मानक 12 मिलावट और 4 दूषित करने वाले तत्व, 93 एंटीबायोटिक्स अवशिष्ट 18 कीटनाशक अवशिष्ट एफ्लैटॉक्सीन एम1 और अमोनियम सल्फेट के लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा सटीक दुग्ध सर्वेक्षण है। गुणात्मक जांच में जो नमूने विफल रहे उनका गुणात्मक ढंग से विश्लेषण किया गया। एक जबरदस्त एवं सतत निगरानी पण्राली स्थापित करने के उद्देश्य से उचित ढंग से पता लगाना सुनिश्चित करने के लिए नमूनों की जियो-टैगिंग और फोटो-दस्तावेज तैयार किए गए।
तुलनात्मक अध्ययन:
सुरक्षा मानकों के लिहाज से विफल रहे करीब एक तिहाई नमूनों का सर्वे एजेंसी के अत्याधुनिक लैब में विश्लेषण किया गया। यह सर्वेक्षण मई से अक्तूबर 2018 के बीच छह महीने की अवधि में किया गया जिसमें 41 प्रतिशत 2607, नमूने प्रसंस्कृत दूध और शेष 59 प्रतिशत 3825 नमूने कच्चा दूध के लिए गए। प्रसंस्कृत दूध में 60 प्रतिशत टोंड मिल्क 20 प्रतिशत फुल क्रीम दूध 15 प्रतिशत स्टैंर्डड मिल्क और 5 प्रतिशत डबल टोंड मिल्क के थे। कच्चा दूध में एक तिहाई दूध गाय एक तिहाई भैंस और एक तिहाई मिलाजुला दूध के थे। इस सर्वेक्षण में केवल तरल दूध को शामिल किया गया न कि दुग्ध उत्पादों को। साथ ही इस सर्वेक्षण में नमूनों की सूक्ष्मजैविकी जांच भी शामिल नहीं की गई।
सबसे बढ़ा सव्रे:
दुग्ध सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने दावा किया कि यह सुव्यवस्थित एवं सबसे बड़ा सर्वेक्षण हमें इस देश में दूध की सुरक्षा और गुणवत्ता की सतत निगरानी के लिए एक ठोस आधार और जबरदस्त रूपरेखा उपलब्ध कराता है। जहां दूध में मिलावट को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिएए दूषणकारी तत्वों के चलते गुणवत्ता की चिंता को व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाकर और प्राथमिक उत्पादन स्तर पर लोगों को शिक्षित कर आने वाले समय में दूर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने प्रसंस्कृत दूध की बड़ी संख्या में नमूनों के गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरने पर चिंता जाहिर की।
ड्राफ्ट जल्द ही भागीदारों को मिलेगी:
इस सर्वेक्षण की ड्राफ्ट रिपोर्ट जल्द ही सभी भागीदारों के साथ साझा की जाएगी और इसके बाद देश में दूध की गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए रोकथाम और सुधार की कार्रवाई की जाएगी। इन उपायों में देश में प्रोसेसिंग प्लांटों से निकलने वाले दूध की सुरक्षा एवं गुणवत्ता के लिए एक जबरदस्त निगरानी पण्राली की स्थापना शामिल है जिसमें समस्या की जड़ का विश्लेषण करने के लिए र्थड पार्टी आडिटए फूट सेफ्टी सुपरवाइजरों का अनिवार्य तौर पर प्रशिक्षण उपभोक्ताओं को कच्चे दूध की सीधे आपूर्ति करने वाले ग्वाले की पहचान एवं पंजीकरण और दूध के प्राथमिक उत्पादन में दूषणकारी तत्वों को खत्म करने की कार्रवाई शामिल है।