भारत चौहान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर फ्रेब्रिकेटिड मिर्च पाउडर हमले में आरोपी अनिल कुमार शर्मा को न्यायलय ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। एक दैनिक समाचार पत्र के अनुसार आरोपी अनिल कुमार शर्मा ने बयान दिया कि पहले उसे मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया, इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ही पब्लिसिटी स्टंट के लिए केजरीवाल के ऊपर मिर्च पाउडर हमला करवाया था। इसके लिए मुख्यमंत्री आवास पर उसे सारे निर्देश दिए गए थे और यह सारा षड़यन्त्र रचा गया इस पर प्रतिक्रिया देते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है और न ही आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है। हमने हमले के दिन से ही इसे फ्रेब्रिकेटिड हमला नाम दे दिया था। झूठ और अफवाह की राजनीति कर राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए केजरीवाल द्वारा यह हमला करवाया गया। उसके पीछे कारण भी साफ था सचिवालय जैसी जगह जहां सुरक्षा के तमाम पुख्ता इन्तजाम है वहां इस तरह की घटना का होना संदेह उत्पन्न करता है। ये मामला एक नजर में ही सुनियोजित तरीके से किया गया हमला था जिसका अंदेशा हमें पहले से ही था।
तिवारी ने कहा कि केजरीवाल पर ये हमला कोई नया नहीं है इससे पहले भी मीडिया के बीच सस्ती लोकप्रियता, औछी, घटिया, राजनीति कर जनता के बीच सहानुभूति का खेल मुख्यमंत्री कई बार खेल चुके हैं। पाप के पैसों से शासन चलाने वाले केजरीवाल की मोडस अपरेंडी बताना जरूरी है। जब भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव नजदीक आते हैं तो इस तरह की घटनायें सामने आती हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व इससे पहले भी 18 नवम्बर 2013 में नचीकेता ने केजरीवाल पर काला पेन्ट फेंका, लोकसभा चुनाव से पहले 5 मार्च 2014 में केजरीवाल की गाड़ी पर किसी ने पत्थर फेंका, 25 मार्च 2014 को वाराणसी में केजरीवाल पर स्याही और अंडे फेकें गए, 28 मार्च 2014 को हरियाणा में केजरीवाल को थप्पड़ मारा गया, 4 अप्रैल 2014, 8 अप्रैल 2014, 26 दिसम्बर 2014 और चार राज्यों के चुनाव से पहले 17 जनवरी 2016 को मुख्यमंत्री के ऊपर स्याही व अंडे फेंककर विरोध किया गया।
तिवारी ने कहा कि उपर्युक्त दिए गए आंकड़े केजरीवाल की झुठ की राजनीति की पोल खोलती है और आरोपी अनिल कुमार शर्मा का बयान मुख्यमंत्री के सहानुभूति के लिए की गई झुठ और फरेब की गन्दी राजनीति पर मुहर लगाने का काम कर रही है। केजरीवाल की इस पूरी गणित के पीछे आगामी चुनावों में होने वाली हार का डर दिल्ली की जनता साफ देख सकती है। केजरीवाल से मैं बस इतना पूछना चाहता हूँ कि यदि मुख्यमंत्री ने ये सारा दिमाग दिल्ली की जनता के हितों के लिये लगाया होता तो शायद बदहाल हो रही दिल्ली में पानी के लिए हो रहे खुनी संघर्ष, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रदूषण पर दिल्ली सरकार लगाम लगा पाती लेकिन इसके विपरीत केजरीवाल ने दिल्ली की जनता की टैक्स द्वारा वसूली गई गाढ़ी कमाई पर अपने ऊपर हुये झुठे मिर्च हमले पर विशेष सत्र बुलाकर जनता के पैसों का दोहन करने का कार्य किया है। दिल्ली की जनता आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी की गन्दी और नकारात्मक राजनीति को सिरे से नकार ने के लिए एक बार फिर तैयार है।