लॉकडाउन टू: डिलीवरी बॉयज बन सकते हैं कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के कैरियर्स!

जिस कंपनी में डिलीवरी मैन काम करता है कोविड-19 रोकथाम दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्ति किया जाए हर दिन ड्यूटी शुरू करने और ड्यूटी ऑफ करने के दौरान उनकी थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी

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ज्ञानप्रकाश/भारत चौहान नई दिल्ली, लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को गाइडलाइंस जारी हो गई हैं। इसमें सरकार ने कुछ ऐसी चीजों को जोड़ा है जिससे लॉकडाउन के दौरान जिंदगी थोड़ी आसान और नॉर्मल लगेगी। लॉकडाउन में है खाने और घर के सामान की डिलीवरी की इजाजत दी गई है। इस निर्णय यानी लॉकडाउन 2.0 अनुमति के बाद होम डिलीवरी करने वाले रेस्टोरेंट को भी जोड़ा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे दरअसल कुछ ऐसी चीजों को जोड़ा है जिससे लॉकडाउन के दौरान जिंदगी थोड़ी आसान और नॉर्मल लगेगी। लेकिन ऐसा देखने में मिल रहा है कि होम डिलीवरी करने वाली कंपनियों छूट के दौरान दी गई सख्त हिदायतों का अनुपालन ईमानदारी से नहीं कर रही है। जिसका ज्वलंत उदाहरण बृहस्पतिवार को दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में देखा गया है। कहने के लिए सर्फ एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय कोविड-19 संक्रमित हुआ है। लेकिन उससे जुड़ी चैन भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रही है। हर दिन ड्यूटी शुरू करने और ड्यूटी ऑफ करने के दौरान उनकी थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है।
जरूरी है एहतियात,नहीं तो स्थिति हो सकती है डेंजर्स:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पोषण एवं आहार विभाग के अध्यक्ष डा. उमेश कपिला के अनुसार लॉकडाउन छूट जीवन चलाने के लिए सकारात्मक कदम हो सकता है लेकिन इसका लाभ पाने वालों को यह भलीभांति तरीके से समझना चाहिए कि एहतियात का अनुपालन करने में न सिर्फ उनकी खुद की भलाई और जीवन बचेगा बल्कि जिनके बीच वह रहते हैं वे लोग भी इस वैिक महामारी के आगोश में आने से बचेंगे।
लॉकडाउन में डिलीवरी की छूट:
गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी के अध्यक्ष एवं निदेशक प्रो. डा. देवाशीष चौधरी के अनुसार
कोरोना के खतरे को देखते हुए ही लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है। इस बीच, खाने और ग्रॉसरी की होम डिलीवरी को छूट दी गई है। हालांकि कन्टेनमेंट जोन्स में किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं है। वहां जरूरी चीजें दरवाजे पर डिलीवर कराई जा रही हैं। डिलीवरी बॉयज के संक्रमित होने पर कई घरों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में अगर घर पर कुछ मंगाए तो सावधानीपूर्वक ऑर्डर लें। अगर सैनिटाइज हो सकता है तो जरूर करें। यह भी सुनिश्चित हो कि डिलीवरी बॉयज का हर दिन का मेडिकल सर्टिफिकेट मसलन उसे फीवर तो नहीं है, मेडिकल फिटनेस सर्टीफिकेट जिसे आनलाइन उनके दिनचर्या में शामिल एप में दर्शाया जाना चाहिए। ऐसा होने से उन्हें यह याद दिलाता रहेगा कि कोविड-19 से वे अभी तो बचे हैं और उसकी गिरफ्त में न आए इसके लिए विभिन्न परिस्थितियों में समझौता न करें। वहीं, दिल्ली सरकार की स्वायत्त संस्था दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के सदस्य एवं प्रख्यात फीजिशियन डा. अनिल बंसल कहते हैं कि कुछ चीजों के लिए छूट दी गईहै जिनमें से फूड डिलीवरी एक है डिलीवरी बॉयज के साथ ही जिस कंपनी के उत्पाद या फिर खाद्य वस्तु वह डोर टू डिलीवरी कर रहा, उसके प्रशासनिक अधिकारी की संक्रमण रोकथाम वाले नियमों, शतरे अनुपालन न करने के लिए सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाए। यह तय है भय से ही रोकथाम सही तरीके से संभव हो पाएगी।
खतरे को कम करने के उपाय:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के अनुसार कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। अपने हाथ अच्छी तरह धोएं। खांसते या छींकते वक्तत अपना मुंह ढक लें। हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।
लक्षण:
कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़्ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत •यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़्ातरा गंभीर हो सकता है। कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में।
क्या करें:
अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा। जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए। अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए। मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे। मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए। हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए।

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