डिस्चार्ज समरी देख भड़के लालू समर्थक, की तोड़फोड़, धूना गार्ड्स को, खुर्शीद नामक गार्ड घायल एम्स सुरक्षा यूनिट ने पुलिस में की शिकायत यादव रांची रिम्स के लिए रवाना

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बीते करीब एक महीने से उपचाराधीन विहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं चारा घोटाले में दोषी लालू प्रसाद यादव के समर्थक उनकी डिस्चार्ज समरी रिपोर्ट देखकर भड़क उठे। उनमें गुस्सा इस बात को लेकर था कि जब उनकी तबियत अभी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाई है तो फिर उन्हें अस्पताल से जबरन छुट्टी क्यों दी जा रही है। डाक्टरों का एक समूह उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहा था। सोमवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे टीम से विचारविमर्श के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की।
घटनाक्रम:
दोपहर करीब 12 बजे लालू एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया से मिलने गए। निदेशक कार्यालय के बाहर दर्जन भर से अधिक उनके समर्थक एकत्रित हो गए। इनमें दो जवान कैजुअल ड्रेस में बिहार पुलिस के जवान भी बताए गए। इनमें एक लालू समर्थक को डिस्चार्ज समरी दी गई है सलाह दी कि कुछ उनकी जांच रिपोर्ट्स कैथलैब से लाने पहुंचे। तब उन्हें पता चला कि उनकी पुरानी जांच रिपोर्ट नार्मल है, इस वजह से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। पहले तो कैथलैब में मौजूद डाक्टर से वे मिन्नतें करने लगे कि अभी तो उनकी तबियत खराब है, वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुए है, अत: कुछ और दिन उन्हें यहीं पर रखा जाए। बावजूद इसके डाक्टर्स ने उनकी मिन्नतों को अम्ल में लाने में विवशता दिखाई। इस बीच वे कैथलैब की खिड़कियों वहां रखे स्टूल से तोड़ दिया। नर्सिग और डाक्टरों के साथ ही गार्ड्स से भिड़ गए। इस झड़प में निदेशक कार्यालय में तैनात एक सुरक्षा गार्ड्स के सिर में चोट आ गई। जांच में हालांकि मामूली चोट लगने की पुष्टि हुई।
तीसरी आंख की नजर:
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार झड़प के वक्त लालू प्रसाद यादव और एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया मौजूद थे। बहरहाल काफी गहमागहमी के बीच लालू शाम करीब चार बजे एम्स से रांची रिम्स के लिए रवाना हुए। जबकि एम्स प्रबंधन ने इस मामले में लिखित शिकायत दिल्ली पुलिस को दी है। शिकायत में एम्स के उपमुख्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर लालू प्रसाद यादव के समर्थन में 10 से 12 लोगों ने एम्स के कर्मचारियों के साथ दुव्यर्वहार एवं बीच बचाव कर गार्ड्स के साथ मारपीट की। लालू यादव करीब एक महीने से एम्स के ओल्ड प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे। अज्ञात लोगों ने कैथ लैब का दरवाजा तोड़ा। इन लोगों को रोकने का प्रयास करने पर एक सुरक्षा गार्ड खुर्शीद आलम घायल भी हुआ। दीपक कुमार ने इस मामले में पुलिस से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उधर थाना हौजखास पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शिकायत आने के बाद जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी होने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जा सकेगा।
शनिवार को ही भेज रहे थे रांची:
प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची रिम्स से दिल्ली एम्स पहुंचने के बाद लालू प्रसाद यादव का उपचार मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चल रहा था। बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को एम्स से उन्हें डिस्चार्ज करना था। लेकिन लालू यादव ने सोमवार को रांची जाने की अपील की। जिसके बाद एम्स प्रबंधन ने उन्हें 30 अप्रैल को रांची भेजने के लिए कागजी कार्रवाई की थी। एम्स प्रबंधन के मुताबिक मेडिकल बोर्ड ने लालू यादव की सेहत में सुधार आने और उन्हें वापस रिम्स में ही क्रोनिक संबंधी परेशानी का उपचार कराने की सलाह दी थी। फिलहाल उनकी सेहत स्थिर है और वे दिल्ली से रांची की यात्रा कर सकते हैं।
तबियत खराब हुई तो एम्स जिम्मेदार:
एम्स से रैफर होने की जानकारी मिलने के बाद लालू यादव ने निदेशक को राष्ट्रीय जनता दल के लेटरहेड पर शिकायत लिखते हुए कहा कि रांची में किडनी का उपचार नहीं होता है। चूंकि उन्हें किडनी क्रोनिक बीमारी की परेशानी अभी भी है और दिल्ली से रांची पहुंचने में 16 घंटे के करीब लगते हैं। ऐसे में अगर उन्हें डिस्चार्ज किया जाता है और रास्ते में उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ होती है तो इसकी जिम्मेदारी एम्स प्रबंधन की होगी। लालू की इस शिकायत पर एम्स प्रबंधन ने संज्ञान न लेते हुए उन्हें तत्काल रांची भेजने का निर्णय लिया।

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