ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , देश में सबसे ज्यादा गोरखधंधा गोरेपन के कारोबार में है। इस समय करीब 500 तरह की दवाएं और क्रीमें बाजार में बिक रही हैं जिनका कारोबार कई अरब में है। गोरा होने की चाह में लोग बगैर सोचे दवा दुकान से क्रीम या दवा ले लेते हैं और दिन में कई बार लगाते हैं। स्टेरॉयड जैसे घातक रसायनयुक्त ये क्रीमें लोगों की न सिर्फ त्वचा को पतला कर रही हैं बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम कर रही हैं। पिछले 63 दिनों में देशभर के 50 से ज्यादा शहरों में करीब 12 हजार किलोमीटर की स्वस्थ्य त्वचा स्वस्थ्य भारत यात्रा करने के बाद दिल्ली पहुंचे त्वचा विशेषज्ञों ने ये जानकारी दी।
कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कान्फ्रेंस में आईएडीवीएल के संयुक्त सचिव डा. दिनेश देवराज ने बताया कि जनवरी में ये यात्रा शुरु की गई थी जिसका समापन दिल्ली में हुआ है। उन्होंने बताया कि तीन लाख लोगों से सीधेतौर पर मुलाकात कर उन्हें गोरा बनाने वाली दवाएं एवं क्रीम से सचेत रहने की अपील की है। इस दौरान ये भी पता चला है कि ज्यादात्तर कुष्ठ रोगी उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हैं। जबकि राजस्थान के मुरैना ऐसा भी शहर है जहां एक भी त्वचा रोग विशेषज्ञ नहीं है। यहां झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है।
जरूरत सिर्फ कुछ को ही है:
सर गंगाराम अस्पताल के डा. रोहित बत्रा ने कहा कि भले ही विटिलिगो का प्रचलन सामान्य आबादी का 1 से 2 फीसदी है। लेकिन हमने देखा कि यात्रा के दौरान हमारे पास जितने भी रोगी मिले उनमें से इस बीमारी से पीड़ित 5 फीसद से अधिक थे। अभियान के उपाध्यक्ष डा. मुकेश गिरधर ने बताया कि इनदिनों एम्स से लेकर तमाम बड़े अस्पतालों में त्वचा रोगियों की संख्या दो से तीन गुनी हुई है। इनमें ज्यादात्तर मरीज फंगल संक्रमण के पहुंच रहे हैं। फंगल संक्रमण दूर करने के लिए ज्यादात्तर लोग दवा दुकान से क्रीम लेकर काम चला लेते हैं। इससे उन्हें ही सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।