भारत चौहान नई दिल्ली , एलोपैथ डाक्टरों के शीषर्स्थ संघ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी अब जेएनयू कॉलेज के जख्मी लोगों का इलाज करने पहुंचे डॉक्टरों और नर्सो पर हुई हिंसा का जमकर विरोध कर रहा है। यह अवस्था अराजकता और कानून को तोड़ने की स्थिति को दर्शाता है।आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजन शर्मा ने बताया कि यदि डॉक्टर और नर्स देश की राजधानी में भी सुरक्षित नहीं हैं, तो इससे सरकार की लापरवाही साफ जाहिर होती है। समय आ गया है कि मेडिकल क्षेत्र के लोग अपनी सुरक्षा का प्रबंध खुद करना शुरू कर दें। यह देश के लिए एक शर्म की बात है कि जो डॉक्टर और नर्स लोगों का इलाज करने गए थे, उनपर ही हमला कर दिया गया। इससे दुनिया तक क्या संदेश पहुंचेगा।
मांग:
आईएमए डॉक्टरों और अस्पतालों पर हो रही हिंसा के खिलाफ बने सेंट्रल लॉ को गृह मंत्री द्वारा बंद करने के फैसले का विरोध कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हषर्वर्धन से इस हिंसा का विरोध और डॉक्टरों व नर्सों की बेहतर सुरक्षा की मांग् की है।आईएमए के महासचिव डा. आरवी अशोकन ने बताया कि हम चाहते थे कि दिल्ली के प्रतिष्ठित जेएनयू में हुई हिंसा के बारे में गृग मंत्री की चिंता उचित होती। आईएमए अपनी बात से पीछे नहीं हटेगा और बार-बार यही कहेगा कि डॉक्टर और नर्स उन लोगों का इलाज करने का पूरा हक रखते हैं। उचित इलाज और बेहतर जीवन हर व्यक्ति का अधिकार है।