आपके घर से अगर निकलता है मेडिकल वेस्ट तो जल्द कराओ रजिस्ट्रेशन! -15 जून तय की गई है अन्तिम डेडलाइन -मेडिकल वेस्ट को सही ढंग से किया जाए नष्ठ इसलिए अनुमति पत्र जरूरी -निर्धारित कंपनी के लोग आकर इकट्ठा करते हैं मेडिकल वेस्ट

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , राजधानी दिल्ली में चल रहे अस्पताल, क्लीनिक, लैब, पशु अस्पताल, फॉरेंसिक लैब, ब्लड बैंक, र्नसंिग होम और स्वास्थ्य से जुड़े काम करने वाले सभी संस्थाओं को आगामी 15 जून तक स्वयं को दिल्ली प्रदूषण नियंतण्रसमिति के तहत रजिस्ट्रेशन करवाकर अनुमति पत्र लेना होगा। दरअसल इन जगहों से बड़ी मात्रा में मेडिकल वेस्ट निकलता है। ऐसे में उसे खुले में न फेंककर, उसे सही ढंग से नष्ठ किया जाए ताकि उससे ना तो किसी व्यक्ति को किसी तरह का खतरा हो और न ही किसी तरह का पलूशन हो, इसके लिए समिति के तहत रजिस्र्टड होना और अनुमति पत्र लेना जरूरी है।
संवेदनहीनता चरम पर:
समिति के मुताबिक कई बार ऐसा देखा जाता है कि मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक दिया जाता है। इससे कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। साथ ही इससे पलूशन को भी बढ़ावा मिलता है। दिल्ली के काफी अस्पताल, क्लीनिक, र्नसंिग होम व अन्य स्वास्थ्य से जुड़े काम करने वाली लैब व संस्थाएं समिति के साथ रजिस्र्टड हैं और उनके पास अनुमति पत्र है लेकिन कुछ ऐसे हैं जो रजिस्र्टड नहीं है। ऐसे में यह अपने आप को रजिस्र्टड करवा सकें और अनुमति पत्र ले सकें, इसके लिए 15 जून आखिरी तारीख रखी गई है। यदि इस तारीख तक यह अपने आप को रजिस्र्टड नहीं करवाते और बाद में चलते हुए पाए जाते हैं, तो इन पर कार्रवाई करते हुए इन्हें बंद किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन का फायदा:
इस बारे में एंटी क्वेकरी सेल के चेयरमैन डा. अनिल बंसल के अनुसार अस्पतालों, क्लीनिकों, र्नसंिग होम व अन्य संस्थाओं से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को सही ढंग से नष्ठ किया जा सके, इसके लिए समिति द्वारा एक कंपनी को ठेका दिया जाता है। यह कंपनी प्रत्येक अस्पताल, क्लीनिक, र्नसंिग होम व स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं से मेडिकल वेस्ट को इकट्ठा करते हैं और एक सुरक्षित जगह पर ले जाकर नियमों के तहत उसे नष्ठ कर देते हैं। इससे ना तो किसी तरह का संक्रमण या बीमारियां फैलती हैं और न ही पलूशन बढ़ता है।
कौन बचता है रजिस्ट्रेशन से
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. गिरीश त्यागी के अनुसार अक्सर वह समिति में रजिस्ट्रेशन करवाने से बचते हैं जो दिल्ली सरकार की स्वायत्त संस्था डीएमसी में रजिस्र्टड नहीं है और डीएमसी में रजिस्र्टड नहीं होने का मतलब है कि वह नकली है क्योंकि डीएमसी में रजिस्ट्रेशन के लिए अपने र्सटििफकेट आदि दिखाने पड़ते हैं। जो नकली डाक्टर होगा, उसके पास ना तो कोई र्सटििफकेट होगा और ना ही कोई डिग्री इसलिए वह रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा। इसके अलावा कुछ ऐसे अस्पताल या क्लीनिक होते है जो नए-नए खुले हैं, वह भी कई बार रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं।

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