ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, उत्तरी नगर निगम के हिन्दुराव अस्पताल में डॉक्टरों को पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें 15 दिसंबर तक का वेतन ही मिला है। इस वजह से उन्हे अस्पताल में काम करते हुए कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब उन्हें तीन महीने तक वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर हमें एक सप्ताह के अंदर वेतन नहीं मिलता तो उन्हें हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
डॉक्टर बोले हड़ताल करने के बाद ही मिलता है वेतन:
हिन्दुराव अस्पताल के एक रेजीडेंट डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें अपना वेतन पाने के लिए हर बार हड़ताल करनी पड़ती है। पिछले दो सालों में वे चार बार वेतन के लिए हड़ताल पर गए हैं। जब तीन महीनों तक वेतन नहीं मिलता तो हमें मजबूरी में हड़ताल का सहारा लेना पड़ता है। डॉक्टरों के वेतन के मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त (स्वास्थ्य) जयराज नायक से कई बार उनका पक्ष मांगने पर भी जवाब नहीं मिला। खराब आर्थिक हालत से जूझ रहे निगमों को स्वास्थ्य पर बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है। तीनों नगर निगमों से उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सर्वाधिक खर्च उठाना पड़ता है। क्योंकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास पांच बड़े अस्पताल हैं। इसमें सबसे बड़ा अस्पताल हिंदू राव। इसके अलावा महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल और राजन बाबू टीबी, कस्तूरबा गांधी अस्पताल और बालकराम अस्पताल उत्तरी निगम के पास है।