ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली लोकनायक अस्पताल के नई बिल्डिंग के प्रस्ताव पर पर्यावरण मंत्रालय ने एक प्लान मांगा है जिसमें यह बताया जाए कि इतनी बड़ी बिल्डिंग के निर्माण के दौरान पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें जमीन से निकलने वाला पानी, निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल जैसी चीजों के बारे में पूछा गया है। इस मामले में अस्पताल के सभी आला अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने तलब किया। उनसे पूछा गया कि नए भवन निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले क्या सभी तय मानदंडों के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र और तय शतरे के अनुकूल ही योजना बनाई गई है।
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुरानी दिल्ली और इससे सटे इलाके में 10 फीट की खुदाई पर ही पानी निकल आता है। ऐसे में जो अंडरग्राउंड लेवल की पार्किंग बनाई जा रही है, उसकी खुदाई के दौरान जो पानी निकलेगा, उसका इस्तेमाल या उसे आप कैसे स्टोर करेंगे। साथ ही निर्माण के दौरान जो धूल-मिट्टी उड़ेगी, उससे किसी को कोई नुकसान न हो, इसके लिए क्या प्लान है। इस पूरे प्लान को एन्वायरमेंट मिनिस्ट्री में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 20 हजार स्क्वेयर फीट में यह बिल्डिंग बन रही है जिसके निर्माण में लगभग चार से पांच साल तक का समय लगने की बात कही जा रही है। इस पूरे टाइम में पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान न, इसके लिए प्लान मांगा है। बता दें कि दिल्ली के अधिकतर इलाके ऐसे हैं जहां हजारों फीट की खुदाई पर पानी मिलता है लेकिन यह एरिया ऐसा है जहां मात्र 10 फीट पर पानी निकल आता है। ऐसे में पानी का इस्तेमाल सही जगह किया जाए और उसे स्टोर किया जा सके, यह बेहद जरूरी है। यह प्लान पेश करने के बाद विशषज्ञों की एक कमेटी समीक्षा करेगी इसके उपरान्त मिनिस्ट्री की तरफ से अनुमति मिल सकती है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवाल ने कहा कि हम हर स्तर पर संवेदनशील है, सभी जांच पड़ताल के बाद ही योजनाओं को शुरू करेंगे, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की गड़बड न हो।
बजट ने भी बिगाड़ा नई बिल्डिंग का खेल:
एक अधिकारी ने कहा कि बिल्डिंग निर्माण की लागत करीबन 600 करोड़ रूपये तय की गई है लेकिन समस्या यहां आती है कि दिल्ली सरकार ने इस बार बजट में दिल्ली के सभी अस्पतालों में नए ब्लॉक के निर्माण के लिए 190 करोड़ रूपये का बजट दिया है। जबकि सभी अस्पतालों में नए ब्लॉक की निर्माण लागत करीबन पांच हजार करोड़ बैठ रही है। ऐसे में बजट की कमी के चलते भी इस बिल्डिंग के निर्माण पर रोक लग सकती है और इसे अगले साल पर टाला जा सकता है।