नई दिल्ली , रविवार यानी 12 मई को अन्तरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में नर्सो को और ज्यादा प्रगति के अवसर देने पर जोर दिया गया।
जीबी पंत अस्पताल में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनील एम रहेजा ने कहा कि नर्सिग स्टाफ चिकित्सा विज्ञान में अहम भूमिका अदा करती है। उनके बिना यह भी कह सकते हैं कि चिकित्सा विज्ञान अधूरा है। सफदरंज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि नर्सो की भूमिका, शल्यक्रिया में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। बेशक वह स्त्री एवं प्रसूति कक्ष में दर्द से कराहती जच्चा बच्चा दोनों का ढांढस देती नजर आती है और वार्ड्स में मरीजों के हर पल का ब्यौरा भी तैयार करती हैं। यह डाक्टरों के पैरल काम करती हैं। द हार्ट केयर फाउंडेशन अफ इंडिया (एचसीएफआई) ने नर्सिग पेशे से जुड़े सभी प्रोफेशनल्स को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की शुभकामनाएं दी। बता दें कि दुनिया की सबसे प्रसिद्ध नर्सो में से एक, फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती के अवसर पर, 12 मई को हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है- नर्स: नेतृत्व प्रदान करने वाली एक आवाज, स्वास्थ्य एक मानवाधिकार। फाउंडेशन के अध्यक्ष पदम्श्री डा. केके अग्रवाल ने कहा, ‘इस वर्ष की थीम एकदम उपयुक्त है, क्योंकि फ्लोरेंस उद्योग में अग्रणी थीं। वे आधुनिक नर्सिग कीे संस्थापक थीं और अपनी प्रतिबद्ध एवं भावनात्मक ष्टि से रोगी देखभाल आधारित नसिर्ंग की एक बेहतरीन उदाहरण थीं। सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में र्नसो की कड़ी मेहनत और योगदान को पहचान देना महत्वपूर्ण है। नर्स अक्सर मरीजों के संपर्क में आने वाले पहले स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर होते हैं। वे जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने और शहरी व ग्रामीण भारत दोनों में बाल एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।