गोल्डन राइड शुरु दिल्ली टू अमृतसर, 500 किमी की दूरी साइकिल से दो दिन में -पगड़ी पहन कर साइकिल यात्रा से की अधिकारो की मांग

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भारत चौहान नई दिल्ली
अन्तरराष्ट्रीय स्तर की संस्था यूएन से मान्यता प्राप्त यूनाइटेड सिख ने जीटी करनाल रोड़ स्थित गुरुद्वारा हरगोविंद सार से गोल्डन राइड की विधिवत शुरुआत की गई। फाउंडर ऑफ टरबनेटर जगदीप सिंह, यूनाइटेड सिख एनजीओ की कानूनी मामलों की निदेशक मनजिंदर पाल कौर ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर की। श्री सिंह ने इस मौके पर गोल्डन राइड के उद्देश्यों के बारे में बताया कि बीते साल एक साइकिल यात्रा की शुरुआत की गई थी, उस वक्त एआईआर नामक संस्था, जो साइकिलों को चलाती है, ने यह आपत्ति की थी कि साइकिल यात्रा करने राइडर्स हेलमेट अनिवार्य है। चाहे वह किसी भी बिरादरी के ही क्यों न हो। संस्था ने यह भी दबाव बनाया था कि सिर्फ सायकलिस्ट रायडर भी पगड़ी उतारे और हेलमेट पहन कर ही यात्रा करेंगे। जिसके विरोध में यूनाइटेड सिख के फाउंडर ऑफ टरबनेटर्स जगदीप सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार रूपिंदर सिंह सुरी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की है। जिसमें उन्हों पगड़ी के अधिकार की मांग की थी। इस मौके पर मनजिंदर पाल कौर ने कहा यह यात्रा 17 मार्च 2018 को करीब 500 किलोमीटर की दूरी साइकिल से पुरी कर बागह बार्डर पर एक सादे समारोह के साथ संपन्न होगी। साइकिल राइडर्स पवित्र पगड़ी धारण कर यह यात्रा करेंगे साथ ही वह भी विरोध प्रकट करेंगे कि कोई संस्था को यह अधिकार नहीं है कि वह सिफ परम्परा के प्रतिकूल कोई अनैतिक कदम उठाने का दुस्साहस करे। उन्होंने कहा कि यात्रा दौरान जो भी स्वैच्छिक रूप से दान प्राप्त होगा उसे पंजाब में बीते वर्षो के दौरान जिन किसान भाईयों ने आत्म हत्या की है, उनकी विधवाओं को पेंशन के रूप में यह राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते कुछ समय 172 विधावाओं को पहले से ही पेंशन प्रदान की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की और कहा कि इस अच्छे कार्य में वे बढ़चढ़कर दान करने के लिए आगे आए। उनके इस नेक मदद से यह तय है कि उन विधवाओं के जीवन में खुशियां बिखरेंगी जो फिलहाल आर्थिक मदद की बाट जोह रही है। यात्रा प्रवक्ता बलजिंदर सिंह ने उम्मीद जताई कि इस यात्रा से सद्भावना और बेवजह धार्मिक रीति रिवाज से पंगा लेने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों सद्बुद्धि मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि न्यायपालिका इस मामले में दुनिया के करोड़ों सिखों के आकांक्षाओं के पक्ष में फैसला लेगी। श्री सिंह ने अपील की है कि बागा बार्डर की दूरी 500 किलोमीटर है, हर एक किलोमीटर पर दानदाता यदि एक रुपये की भी दान करेंगे तो इसका सीधे लाभ किसान विधवाओं को मिलेगा।

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