भारत चौहान नई दिल्ली
एसएससी में धांधली और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चल रहे देशव्यापी युवा आंदोलन ने एक बड़ी घोषणा की है। दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में भारी संख्या में इक्कट्ठा हुए छात्रों ने 31 मार्च को हल्लाबोल करने का फैसला लिया है। सरकार को 15 दिन का फ़ाइनल अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन कर रहे छात्रों ने कहा कि मांग नहीं माने जाने पर 31 मार्च को देशभर के युवा दिल्ली पहुँचकर संसद घेरेंगे।
ज्ञात हो कि पिछले 18 दिनों से एसएससी अभ्यर्थी दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में अत्यंत कठिन परिस्थितियों के बावजूद डटे हुए हैं। पुलिस द्वारा मूलभूत सुविधाएं छीनने के बाद भी छात्रों ने सड़क पर दिन-रात बिताकर असीम ऊर्जा और संघर्ष का परिचय दिया है। हर दिन किसी न किसी रचनात्मक तरीके से छात्र अपना संदेश और पीड़ा बयान करते रहे हैं। लेकिन दुनिया के सबसे युवा देश की सरकार ने छात्रों की वाजिब मांगों को पूरा नहीं किया। पूरा करना तो दूर कोई भी सरकार का मंत्री, प्रधानमंत्री या प्रतिनिधि दिल्ली में बैठे इन छात्रों से मिलने नहीं आया। हाँ, पार्टी के लोग ज़रूर आए, लेकिन सरकार का कोई भी नहीं आया। इसके उलट सरकार की तरफ से हरसंभव कोशिश हुई कि कैसे छात्रों के आंदोलन को तोड़ा जाए और कमज़ोर किया जाए। लेकिन दिल्ली से लेकर देश के अन्य कई शहरों में युवाओं ने जबरदस्त ऊर्जा और जज़्बे का परिचय देते हुए आंदोलन को कमज़ोर नहीं होने दिया।
पहले दिन से ही आंदोलनकारी छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि छात्रों के सब्र का बाँध अब टूट रहा है। सरकार को 15 दिन की अंतिम चेतावनी देते हुए अनुपम ने कहा कि पिछले 18 दिनों में युवाओं के प्रति सरकार का रवैय्या उजागर हो चुका है। जो सरकार छात्रों और युवाओं की जायज़ मांगों को भी इस कदर अनसुना कर सकती है उसे कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए 31 मार्च को देशभर के युवा दिल्ली पहुँचकर मंत्री श्री जितेंद्र सिंह के इस्तीफ़े के साथ सरकारी नौकरियों में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हल्लाबोल करेंगे।
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ निरंतर लड़ने वाले सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वक़ील और स्वराज अभियान अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने छात्रों की मांग को सर्वोच्च न्यायालय में मजबूती से उठाने का भरोसा दिलाया। देशभर के युवाओं से अपील है कि 31 मार्च को दिल्ली पहुंचकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हल्लाबोल करें, तभी इस बहरी सरकार को युवाओं की आवाज़ सुनाई देगी।
छात्रों को अपना समर्थन देते हुए देशभर के शिक्षकों ने शुक्रवार को एकदिवसीय सांकेतिक उपवास रखा। साथ ही सोशल मीडिया पर छात्रों ने #SSCBlackFriday के जरिये अपना विरोध दर्ज कराया।
आंदोलनकारी छात्रों ने इस उद्घोष और प्रण के साथ सीजीओ कॉम्प्लेक्स से उठने का निर्णय लिया कि अगले 15 दिन तक आंदोलन को गांव गांव शहर शहर में ले जाकर और भी व्यापक बनाया जाएगा। छात्रों का कहना है कि 31 मार्च के हल्लाबोल के जरिये सरकार को भारत के युवाओं की ताकत और ऊर्जा का सामना करना पड़ेगा।