फ्यूचर ऑफ हेल्थ समिट : सरकारी, निजी स्वास्थ्य सेवाओं में तालमेल चुनौतीपूर्ण: रेड्डी

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य उद्यमी के मध्य मरीजों को देशभर में गुणवत्तापूर्ण रियायती दर पर स्वास्थ्य सेवाएं देना एक चुनौती पूर्ण है। अपोलो हेल्थ हास्पिटल्स समूह की वाइस प्रेसीडेंट प्रीथा रेड्डी ने फ्यूचर ऑफ हेल्थ थीम समिट को लांच करते हुए कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवाएं वर्तमान समय की प्रमुख चिंताओं में से एक हैं। सरकारी स्तर के साथ-साथ प्राईवेट क्षेत्र के लगातार प्रयासों के बावजूद इस क्षेत्र में बहुत सारी चुनौतियां हैं, जिन पर काम करना बहुत जरूरी है और हॉस्पिटल्स, डॉक्टर, संगठनों एवं सरकार के प्रयासों के साथ-साथ आमजन का सहयोग में तालमेल करने के लिए नीतिगत फैसले लेने की दरकार है।
राजधानी के एक पंचतारा होटल के कन्वेंशन हाल में आयोजित इस समिट की जानकारी देते हुए रेड्डी ने कहा कि अपोलो हेल्थ समूह और रिपब्लिक के सहयोग के माध्यम से इसका उद्देश्य यूएन के सस्टैमनेबल डेवलपमेंट गोल 3 में योगदान करना है, ताकि सभी उम्र वर्ग के लोगों का स्वस्थ जीवन सुनिश्चित किया जा सके और उनकी तंदुरुस्ती को बढ़ावा मिले। इस विषय पर संचार शुरू कर देश के स्थायित्वपूर्ण विकास के लिये आवश्यक है।
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आइबीईएफ के अनुसार, हेल्थकेयर रेवेन्यू और रोजगार दोनों ही नजरिये से भारत का एक सबसे बड़ा सेक्टर बन गया है। हेल्थकेयर में हॉस्पिटल्स, मेडिकल डिवाइसेज, क्लिनिकल ट्रायल्स, आउटसोर्संिग, टेलीमेडिसिन, मेडिकल टुरिज्म, हेल्थ इंश्योरेंस और मेडिकल इक्विपमेंट शामिल हैं। भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर अपनी कवरेज, सेवाओं के मजबूत होने और पब्लिक एवं प्राइवेट कंपनियों के खर्च बढ़ने की वजह से काफी अच्छी तरह से वृद्धि कर रहा है। हेल्थ केयर बाजार के वर्ष 2022 तक तीन गुणा की वृद्धि के साथ 8.6 ट्रिलियन (133.44 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत में मेडिकल टुरिज्म में 22-25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो रही है और इंडस्ट्री के दोगुनी बढ़ोतरी के साथ 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मौजूदा (अप्रैल 2017) स्तर से वर्ष 2018 तक 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
इस मौके पर पैनिलस्टो में यूएनएआइडीएस, एनएबीएच, आइएमए, ड्ब्यूएचओ और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे संघों के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने इस संबंध में अपने नजरिये और विचार को प्रस्तुत किया कि किस तरह से समाज भारत में एक बेहतर हेल्थकेयर सिस्टम का निर्माण करने की दिशा में योगदान कर सकता है।

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