थायरॉइड, मोटापा, हार्मोनल सम्बन्धित समस्याओं तथा रोगों की रोकथाम और इलाज पर संगोष्ठी का आयोजन

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भारत चौहान नई दिल्ली,
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज और गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल,दिल्ली सरकार दिलशाद गार्डन में
एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ़ इंडिया द्वारा 24 मार्च 2019 को ‘मिडटर्म एसिकाँन 2019’ के अंतर्गत मधुमेह सहित
अंतःस्रावी रोगों के निरंतर वृद्धि जैसे थायरॉइड- विकार, मोटापा, हार्मोनल सम्बन्धित समस्याओं तथा रोगों की
रोकथाम और इलाज पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन प्रोफ़ेसर डॉ0 एस.वी.मधु-
एंडोक्रिनोलॉजी विभाग एवं गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के चिकित्सक
विशेषज्ञों द्वारा किया गया।

प्रो .डॉ0 वी.के. पॉल, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत
सरकार की आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के बारे में उल्लेख किया कि इस स्वास्थ्य योजना की प्रत्येक चिकित्सक
को जानकारी होनी चाहिए ताकि जन जागरूकता का सशक्त माध्यम बन सके। ताकि समाज की अंतिम जरूरत
मंद इकाई तक आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का लाभ पहुँच सके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से
लोगों को जागरूक करने की आवश्कता पर बल दिया।
डॉ0 अनिल जैन प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज ने संगोष्ठी की सार्थकता की चर्चा करते हुए
कहा कि वर्तमान में यह जरुरी हो गया है कि चिकित्सकों को गुणात्मक प्रशिक्षण दिया जाए। संगोष्ठी निसंदेह
इस दिशा में महत्वपूर्ण रहेंगी। संगोष्ठी के माध्यम से आधुनिक अनुसंधानों का संगोष्ठी में भाग लेने वाले प्रति
भागी लाभान्वित होंगें।
डॉ0 सुनील कुमार चिकित्सा निदेशक, गुरु तेग बहादुर चिकित्सालय ने शुभकामना सन्देश देते हुए संगोष्ठी में
भाग ले रहे चिकित्सकों से आशा व्यक्त की कि शौक्षणिक सत्रों में चर्चा किए गए विषयों का लाभ उनके
उपचार प्रबधन में मरीजो के लिए लाभकारी होगा।

प्रो.डॉ0 एस.वी. मधु ने जानकारी दी की संगोष्टी के माध्यम से अंतःस्रावी रोगों जैसे मोटापा थायरॉइड, मधुमेह,
विटामिन डी की कमी जैसी बिमारियों के विषय में उपस्थित चिकित्सकों को उपचार प्रबन्धन जानकारी के साथ
साथ जनसाधारण को भी जानकारी के अभाव में तेजी से बढ़ रही बीमारियों की रोकथाम के प्रति जागरूक
किया जाए।
डॉ0 एस.वी. मधु तनाव प्रबन्धन पर अनुसन्धान कर रहे हैं उनका मानना है कि आधुनिक समय जीवन में
तीव्रता से तनाव होता जा रहा है यही हार्मोनल असंतुलन का कारण है उनका मानना है जीवन में तनाव कम
कर अंतःस्रावी रोगों को रोका जा सकता है।
प्रो0 अम्बरीश मितल ने विटामिन डी की कमी पर चर्चा करते उल्लेख किया 70% आबादी में विटामिन डी की कमी
देखी जा रही है बुजुर्गों में हड्डियों के फ्रैक्चर (ऑस्टियोपोरोसिस) का एक बड़ा कारण देखा जा रहा है।

प्रोफेसर शुभंकर चौधरी ( आई0वी0जी0एम0ई0आर0 कलकता ने चिकित्सकों को ऑस्टियोपोरोसिस के निदान के
बारे में जागरूक किया।
डॉ0 संजय कालरा, भारती मधुमेह एवं एंडोक्राइन एवं अनुसंधान व संगोष्ठी अध्यक्ष ने कहा की आबादी का
लगभग 10% हिस्सा उच्चरक्त चाप से प्रभावित है और रक्तचाप हार्मोनल असुंतल का एक बड़ा कारण है।
अपने सत्र के दौरान विस्तृत चर्चा करते हुए कि रक्तचाप हार्मोनल विकार का एक बड़ा कारण है उच्च रक्तचाप
के संभावित रोगी का इलाज के योग्य होते हैं इलाज के प्रति अनदेखा करना ठीक नहीं समय पर उपचार किया
जाना चाहिए। संगोष्ठी में एक सत्र में खून में संगोष्ठी कोलेस्ट्रॉल पर हार्मोन के प्रभाव पर भी चर्चा की गई।
डॉ0 अमितेश सह्प्रध्यापक यू0सी0एम0एस0 एवं संगोष्ठी कोर ग्रुप सदस्य ने उल्लेख किया कि खून कोलेस्ट्रॉल
की मात्रा हार्मोन असुंतलन हो सकता है इस समस्या को कोलेस्ट्रॉल नियंत्रिण जागरूकता कर दिल के दौरे जैसे
उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम कर रोका जा सकता है।
डॉ0 निलेश जैन सहायक प्रोफेसर ने बताया कि थायरायड का रोग अब लगभग 10% आबादी को प्रभावित
करते हैं और थायरायड में नोड्युल्स का समय पर पता लगाने के लिए थायराइड अल्ट्रासाउंड पर प्रशिक्षण की
कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।

डॉ0 निशांत रायज़ादा संगोष्ठी संगठन सचिव ने जानकारी देते हुए बताया गया कि समस्त भारत से 400 से
अधिक चिकित्सक प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया तथा 80 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सक शिक्षकों ने
संगोष्ठी विभिन्न सत्रों में प्रतिनिधियों को अपने अनुसंधानों व अनुभवों से लाभान्वित किया। उन्होंने आशा
व्यक्त की कि सम्मेलन के दौरान अंतःस्राव हार्मोन असुंतलन के कारण बीमारियों उनका उचित उपचार
प्रबन्धन रोकधाम एवं जागरूकता आदि पर विस्तृत चर्चाओं से प्रतिनिधि लाभान्वित होंगें।

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