सबसे ज्यादा सर्जरी, ओपीडी में मरीज देखने वाला एम्स बना दुनिया में तीसरा संस्थान -कई योजनाएं पूरी होने पर मरीजों को मिलेंगी और सहजता से सुविधाएं

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , देशभर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विख्यात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अब अपना नाम वि के पटल पर सबसे ज्यादा सर्जरी करने और सबसे ज्यादा बिस्तरों की संख्या के मामले में दर्ज करने के दहलीज पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018 में करीब 1.94 लाख सर्जरी के साथ एम्स बन गया है, जिसने 2018 में दुनिया भर में अधिकतम सर्जरी की है। हालांकि, ताइवान के चांग गंग मेमोरियल अस्पताल में 10 हजार बेडेड अस्पताल औसतन सर्जरी की संख्या करीब 1.67 लाख हैं। एम्स में, लगभग 2.35 लाख वार्ड्स में भर्ती हुए, 43 लाख यहां की ओपीडी में इलाज कराया। यह आंकड़ा वर्ष 2017 और 2016 और 2015 की अपेक्षा करीब 32 फीसद ज्यादा है।
यह भी:
अब तक ताइवान और चीन के दो बड़े अस्पतालों ने पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा सर्जरी करवाने का दावा किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा फिर भी, एम्स में दुनिया के दो सबसे बड़े अस्पताल की तुलना में कई अधिक सर्जरी की गई हैं। आने वाले दिनों में एम्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई और रिकॉर्ड बनाने की राह पर है। अधिकारी ने दावा किया कि बिस्तरों की क्षमता में अगले साल तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा। ताइवान स्थित चांग गंग मेमोरियल अस्पताल में फिलहाल यह रिकार्ड है।
योजनाएं, सर्जरी प्रोसिजर तेज:
एम्स में वर्तमान में 2456 बिस्तर की क्षमता है और इसके चार ब्लॉकों के खुलने के साथ, यह आने वाले वर्ष में लगभग 925 बेड की क्षमता को बढ़ाएगा। वर्ष 2018 में ताइवान, चीन और अमेरिकी देशों में बहुत सारी सर्जरी हुई हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से दिल्ली के एम्स में सर्जरी भी तेज हो गई है। एक अधिकारी ने कहा कि एम्स के मास्टर प्लान के तहत, यह आने वाले वर्षो में अस्पताल में 6 हजार बेड की क्षमता तक पहुंच जाएगा। अगर यह योजना पूरी हो जाती है। वर्ष 2015 में लगभग 2.19 लाख रोगियों को भर्ती किया गया और 1.70 लाख रोगियों का ऑपरेशन किया गया और 35 लाख ने एम्स की ओपीडी में इलाज कराया। इसके अलावा, 2016 में, लगभग 1.76 सर्जरी की गई और 2.34 रोगियों को एम्स वाडरे में भर्ती कराया गया और 41 मिलियन रोगियों का इलाज एम्स ओपीडी में किया गया। वर्ष 2017 में, एम्स ने 1.94 लाख रोगियों का ऑपरेशन किया, जबकि भर्ती रोगियों की संख्या 2.45 लाख और 43 लाख ओपीडी के माध्यम से पंजीकृत थी। वर्ष 2019 में, एम्स में 925 बेड वाले चार नए ब्लॉक और 710 बेड की क्षमता वाले राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, 4,910 तक  बेड की क्षमता बढ़ाएगा। जो 2800 बेड की क्षमता के साथ देश के सबसे बड़े अस्पताल-सिविल अस्पताल अहमदाबाद को पीछे छोड़ देगा। इसके बाद, एम्स दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अस्पताल होगा।
पेशेंट फ्रेंडली:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने भरोसा जताया कि योजना पूरी होने के बाद पेशेंट को और अधिक सुविधाएं सहजता से मिलेगी। इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं।

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