जूनियर डॉक्टर्स के आने वाले है अच्छे दिन !

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भारत चौहान नई दिल्ली, क्या आप जानते हैं कि देश के मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में एक ही डीग्री होने के बाद भी जूनियर डॉक्टरों को अलग अलग वेतन मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) की चार साल से चली आ रही मांग पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए फोर्डा से अगले 15 दिनों में रिप्रेंजेंटेशन मांगा है।
फोर्डा अध्यक्ष डॉ. वि‌वेक चौकसे की माने तो इसी महीने की दो तारीख को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ हुई मुलाकात उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों की कई पुरानी मांगों की तरफ उनका ध्यान दिलाया था। इन्ही मांगों पर बात करने के लिए मंत्रालय के आला अधिकारियों ने फोर्डा को बीते शुक्रवार को मंत्रालय में बुलाया था। जहां फोर्डा ने एक बार फिर से सेंट्रल रेजिडेंट स्किम लागु करने, सभी राज्यों में जूनियर डॉक्टरों को एक समान वेतन, डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा, पोस्ट ग्रेजुएशन एक्जाम, उसकी काउंसलींग और सिट बंटवारे की प्रक्रिया में सुधार और रेजिडेंट डॉक्टरों को सीजीएचएस सुविधा के तहत लाने की चार साल पुरानी मांगों को रखा।
डॉ. चौकसे की माने तो मंत्रालय ने पहली बार इन मांगों पर सकारात्मक रूख अपनाते हुए देश के सभी राज्यों में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को एक समान ग्रेड पे पर वेतन देने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय ने इसमे दिलचस्पी दिखाते हुुए फोर्डा से अगले 15 दिनों में रिप्रेंजेंटेशन देने को कहा है। इस पर फोर्डा ने भी काम करते हुए आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों के प्रतिनिधियों से उनका रिप्रेजेंटेशन मांग लिया है। उनका कहना है कि अगले चंद दिनों में शेष राज्यों के प्रतिनिधियों से बात कर उनका भी रिप्रेजेंटेशन मंगा लिया जाएगा।

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