ज्ञानप्रकाश के साथ भारत चौहान
नई दिल्ली दिल्ली के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) आने वाले दो वर्षो में युवाओं को नौकरियां देने के अवसर प्रदान करेगी। इसकी शुरुआत पहले चरण में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने, डाक्टरों की कमी दूर करने की मद में किया जाएगा। इसके बाद अन्य विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने की योजना है।
स्वास्थ्य सचिव की देखरेख में यह योजना तैयार कर ली गई है। नियुक्तियां संबंधी प्रस्तावित फाईल को उपराज्यपाल ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि अनुमान है कि जीबी पंत, इहबास, जीटीबी, डीडीयू, लोकनायक समेत अन्य दिल्ली सरकार के 39 अस्पतालों में करीब 6 हजार से अधिक पैरामेडिकल, डाक्टरों और नान पैरामेडिकल स्टाफ के पद रिक्त है। यह पद बीते कई सालों से भरे ही नहीं गए।
यह भी है योजना:
समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने राष्ट्रीय सहारा से कहा कि दिल्ली सराकर ने समान काम, समान वेतन के लिए सभी संबधित विभागों को निर्देश दिया गया है। वह ठेके दारी प्रथा, अनुबंध आदि परम्पराओं को खत्म करने के पक्ष में है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। श्री गौतम ने कहा कि अनुबंध या फिर ठेका का मतलब ही अन्याय है। इसलिए वह सभी ठेके के पदों पर स्थाई नियुक्ति के पक्षधर हैं। इसके लिए उनकी सरकार ने उप राज्यपाल, मुख्य सचिव और सर्विस डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव को पत्र लिख दिया है। अभी दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 38 हजार पद ऐसे हैं जिनपर ठेके के द्वारा कर्मचारी रखे गए हैं। ठेके पर रखे गए इन कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। लेकिन यह पुरानी सरकार के पाप हैं जिन्हें वह भुगत रहे हैं।
कानून में बदलाव:
डीएसएसएसबी को लेकर सरकार का मानना यह सरकारी की अपेक्षाओं पर फेल हो चुकी है। लेकिन हाल ही में इसमें सुधार नजर आया है। जिसे देखते हुए वह उम्मीद करते हैं कि इस सरकार के कार्यकाल में नियुक्तियां शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही उनका कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को इस बात के भी निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी चाहे स्थाई हो या ठेके पर सभी को भत्तो समेत एक समान वेतन ही मिलना चाहिए।