एक साल में 50 मरीजों को जीवनदान देने का किया दावा एम्स और एएमयू भी सहयोग को आए आगे

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली,आंकड़ों की माने तो देश में हर साल कैंसर के करीब सात लाख नए मरीज सामने आते हैं। इनमें से करीब साढ़े पांच लाख की मौत हो जाती है। कैंसर के इन सभी मामलों में मुंह और गले के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा (90 फीसद) होते हैं। डाक्टरों की माने तो इसका कारण तंबाकू का प्रयोग होता है। वहीं अब तक कैंसर के एडवांस स्टेज में मरीजों के बचने की संभावना नहीं के बराबर बताई जाती है, लेकिन एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि उन्होंने पिछले एक साल में ऐसे 50 मरीजों को जीवनदान दान दिया है। उनका दावा है कि एडवांस स्टेज में भी 60 फीसद मरीजों को बचाया जा सकता है।
फोर्टिस हास्पिटल, वसंत कुंज के ऑंको सर्जरी के सलाहकार डा. मंदीप मल्होत्रा के अनुसार देश में मुंह और गले के कैंसर का बड़ा कारण तंबाकू सेवन है। तंबाकू से होने वाले कैंसर की खासियत यह है कि मुंह में चारो तरफ तंबाकू का असर होने की वजह से यह ठीक होने के बाद मुंह के किसी दूसरे हिस्से मे दोबारा भी हो जाता है। ऐसे में कैंसर से प्रभावित हिस्से को ऑपरेशन के द्वारा निकाला जाता है। इसके अलावा मरीज की जरूरत के अलावा उन्हें कीमो और रेडिएशन भी दिया जाता है। पिछले एक साल में उन्होंने देश के कई राज्यों के 60 मरीजों को दाखिल किया, जिन्हें अन्य अस्पतालों ने मनाकर दिया था। लेकिन उन्होंने अपने इलाज से 50 मरीजों को बचा लिया। आंको सर्जरी के ही सलाहकार डॉ. दीपक झा के अनुसार एक संस्था की मदद से यह इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। उनके प्रयास को देखते हुए अब दिल्ली स्थित एम्स और अलीगढ़ मुस्लीम यूनिवर्सीटी ने भी उन्हें सहयोग देना शुरू कर दिया है। यहां मरीजों को रेडिएशन दिया जाता है। आने वाले समय में भी इस प्रयास को जारी रखा जाएगा।

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